इस गेंदबाज का सामना करना हंसी-मजाक की बात नहीं : राहुल

भारत के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन का बड़े प्रारूप में सामना करना अलग ही अनुभव होता है और यह हंसी-मजाक की बात नहीं है। स्टेन की लेट मूवमेंट का सामना करने में पसीना आ जाता है।

By sanjay savernEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2015 03:29 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2015 03:44 PM (IST)
इस गेंदबाज का सामना करना हंसी-मजाक की बात नहीं : राहुल

मुंबई। भारत के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन का बड़े प्रारूप में सामना करना अलग ही अनुभव होता है और यह हंसी-मजाक की बात नहीं है। स्टेन की लेट मूवमेंट का सामना करने में पसीना आ जाता है।

राहुल ने भले ही स्टेन के साथ आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद का डगआउट शेयर किया हो, लेकिन दो दिनी अभ्यास मैच में बोर्ड प्रेसीडेंट इलेवन की तरफ से 72 रनों की पारी खेलना अलग अनुभव रहा। राहुल ने कहा- मुझे लगा था कि स्टेन का सामना करना आसान रहेगा, लेकिन यह अलग अनुभव रहा और मुझे समझ आ गया है कि यह हंसी-मजाक की बात नहीं है।

राहुल ने कहा- 'जब स्टेन गेंदबाजी कर रहे हो तो विकेटकीपिंग करना या फील्डिंग करना एक बात है, लेकिन जब लाल गेंद मूव हो रही हो तो उसके सामने बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल होता है। वे गेंद को लेट मूव कराते हैं और उसे खेलना मुश्किलभरा होता है। यह अलग चुनौती होती है।'

23 वर्षीय राहुल ने 5 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, उन्होंने दिसंबर 2014 में मेलबर्न में पदार्पण किया था। राहुल ने कहा- तेज गेंदबाज के दिमाग को पढ़ना मुश्किल होता है। हम कोशिश करते हैं, लेकिन इनका दिमाग अलग तरह से चलता है। आप समझ नहीं सकते हैं कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। हमें तो सिर्फ गेंद को देखकर उसके हिसाब से रिएक्ट करना होता है।

राहुल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए अपनी तैयारी का श्रेय कर्नाटक राज्य के कोच अरूण कुमार को दिया। उन्होंने कहा- मैं द. अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए टर्निंग गेंदों को खेलने का अभ्यास कर रहा था। अपने समय में जे. अरूण कुमार तेज गेंदबाजों को बहुत अच्छी तरह खेलते थे। इसलिए मैंने शॉर्ट पिच गेंदों और तेज गेंदों को कैसे खेला जाए, इस बात का उनके साथ अभ्यास किया। मैं इसी वजह से सुधरा हुआ प्रदर्शन कर पा रहा हूं।

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सलामी बल्लेबाजी के क्षेत्र में मुरली विजय और शिखर धवन के साथ प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा- मैं जब से टीम में आया हूं, मैंने कभी भी इनके साथ प्रतिस्पर्धा महसूस नहीं की। इन दोनों ने मुझे अलग-अलग तरीके से बताया कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क्रिकेट में किस तरह का फर्क होता है। उन्होंने मुझे बेहतर तरीक से तैयार करने में मदद की।

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