...इसलिए सचिन से बिगड़े थे संबंध : चैपल

भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के साथ उनके रिश्तों में खटास तब आई जब उन्होंने इस महान भारतीय बल्लेबाज को 2007 विश्व कप में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने को कहा। तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व

By sanjay savernEdited By: Publish:Fri, 13 Feb 2015 06:59 PM (IST) Updated:Fri, 13 Feb 2015 07:13 PM (IST)
...इसलिए सचिन से बिगड़े थे संबंध : चैपल

मेलबर्न। भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के साथ उनके रिश्तों में खटास तब आई जब उन्होंने इस महान भारतीय बल्लेबाज को 2007 विश्व कप में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने को कहा।

तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान पर हमला बोलते हुए उन्हें 'रिंगमास्टर' करार दिया था, जिसके कुछ महीनों बाद 66 वर्षीय चैपल ने प्रतिक्रिया दी है। एक चैनल पर ऑस्ट्रेलिया में दिखाए गए 'क्रिकेट लीजेंड्स' की एक कड़ी में चैपल ने कहा कि तेंदुलकर के साथ उनके मतभेद का कारण इस बल्लेबाज को वेस्टइंडीज में हुए टूर्नामेंट के दौरान निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का सुझाव देना था। 'मैंने उम्मीद की थी, मैंने सोचा था कि वह वही चीज करना चाहेगा जो टीम के लिए सही होगा। लेकिन वह उसी जगह बल्लेबाजी करना चाहता था जहां उसे पसंद था और इसने हमारे बीच खाई पैदा की। भारत के लिए 2007 विश्व कप त्रासदी की तरह रहा था और टीम पहले दौर से भी आगे बढऩे में नाकाम रही थी।

चैपल ने कहा कि तेंदुलकर शुरुआत में उनके प्रस्ताव पर राजी हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने मन बदल लिया। उन्होंने कहा कि पारी की शुरुआत करना उसकी पसंद थी, लेकिन वेस्टइंडीज में हमें जरूरत थी कि वह निचलेक्रम में बल्लेबाजी करे। यहीं हमारी बल्लेबाजी में समस्या थी, हमारे पास अन्य खिलाड़ी थे जो शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी कर सकते थे। वह शुरुआत में राजी हो गया था लेकिन बाद में पीछे हटा गया है और कहा कि वह ऐसा नहीं करना चाहता। मैंने उसे ऐसा करने के लिए बाध्य किया और इसके बाद से वह मेरे साथ दोबारा काम नहीं करना चाहता था।

चैपल ने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का नाम लिए बगैर उन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट के लिए हमेशा से यह चुनौती रही कि (खिलाडिय़ों के लिए) दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने की जगह टीम में बने रहना अधिक महत्वपूर्ण था।

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