बीसीसीआइ ने कर विवाद में शशांक मनोहर के रुख पर जताई आपत्ति

बीसीसीआइ के अधिकारी हैरान हैं और उन्होंने मनोहर के कदम पर सवाल खड़े किए हैं क्योंकि टी-20 विश्व कप के दौरान मनोहर बीसीसीआइ के अध्यक्ष थे।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Fri, 09 Aug 2019 09:25 PM (IST) Updated:Fri, 09 Aug 2019 09:25 PM (IST)
बीसीसीआइ ने कर विवाद में शशांक मनोहर के रुख पर जताई आपत्ति
बीसीसीआइ ने कर विवाद में शशांक मनोहर के रुख पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली, आइएएनएस। शशांक मनोहर की चेयरमैनशिप वाली आइसीसी ने बीसीसीआइ को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी वार्षिक आय में से बीसीसीआइ को दिए जाने वाले अंश में से 2016 टी-20 विश्व कप के दौरान मिली कर छूट का हिस्सा घटाएगी। इस पर बीसीसीआइ के अधिकारी हैरान हैं और उन्होंने मनोहर के कदम पर सवाल खड़े किए हैं क्योंकि टी-20 विश्व कप के दौरान मनोहर बीसीसीआइ के अध्यक्ष थे।

बीसीसीआइ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि भारत में जब 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था तब मनोहर बीसीसीआइ के अध्यक्ष थे और वह भलीभांति जानते हैं कि भारत में कर नीति किस तरह से काम करती है और अब यह बेहद खराब है कि आइसीसी चेयरमैन ने इस मुद्दे पर भारतीय बोर्ड की तरफ अलग रुख अख्तियार किया है।

अधिकारी ने कहा कि आइसीसी के बाकी लोगों की अपेक्षा शाशांक इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं क्योंकि वह भारत की मेजबानी में 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप के दौरान बीसीसीआइ के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि आप इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जब बीसीसीआइ आइसीसी से राजस्व का बड़ा हिस्सा ले रही थी तब कई तरह के समझौते हुए थे। उन्होंने राजस्व मॉडल में कुछ बदलाव किए थे, लेकिन उनका भारत पर कोई असर नहीं पड़ा था। अगर ऑस्ट्रेलिया को यह कहा जा सकता है कि वह कर छूट के लिए सिर्फ सर्वश्रेष्ठ तरीके निकाले तो बीसीसीआइ को पूरी तरह से कर में छूट देने की क्या जरूरत है।

एक और अधिकारी ने कहा कि आइसीसी चेयरमैन को इस मुद्दे पर फैसला लेने से पहले अपनी पूरी बातों को याद कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उस समय मनोहर ने विदर्भ क्रिकेट संघ को विश्व कप के दौरान महिलाओं के मैच और अन्य मैच आयोजित कराने के लिए एक निश्चित रकम दिलाई, जबकि उनके लिए इसकी जरूरत भी नहीं थी। पूरे लेनदेन में वह ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने में सफल रहे और अब उन्हें अपनी स्थिति के बारे में दोबारा सोचना चाहिए।

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