इनकम टैक्स रिटर्न भरने में हो गई थी गलती? ऐसे सुधारें

रिवाइज्ड रिटर्न के प्रोविजन नॉर्मल रिटर्न फाइलिंग की ही तरह होते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Thu, 22 Feb 2018 03:40 PM (IST) Updated:Sat, 14 Apr 2018 10:32 AM (IST)
इनकम टैक्स रिटर्न भरने में हो गई थी गलती? ऐसे सुधारें
इनकम टैक्स रिटर्न भरने में हो गई थी गलती? ऐसे सुधारें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आंकलन वर्ष 2017-18 के लिए रिटर्न फाइलिंग की तारीख नजदीक आ रही है। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है। रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया यूं तो आसान होती है, लेकिन अधिकांश लोग इसमें भी गलती कर देते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग एक खास सुविधा भी देता है जिसे रिवाइज्ड आईटीआर कहा जाता है। हम आपको अपनी इस खबर में इसी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

देश में अधिकांश करदाताओं को आखिरी समय में रिटर्न फाइल करने की आदत होती है। ऐसे में जाहिर तौर पर जो करदाता अंतिम समय में अपना आईटीआर फाइल किया है उनकी ओर से आईटीआर में कुछ गलतियों की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन इन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं। ऐसे लोग अपने रिटर्न को रिवाइज्ड कर सकते हैं। इस खबर के माध्यम से हम आपको रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में बताएंगे। हमने इसके लिए ई-मुंशी (emunshe. Com) के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात की है।

देखें वीडियो-

क्यों भरा जाता है रिवाइज्ड आईटीआर: रिवाइज्ड आईटीआर उस सूरत में भरा जाता है जब आपके आईटीआर में कुछ गलतियां रह गई हों। यानी अगर आपने आईटीआर के दौरान कुछ गलतियां कर दी हैं तो आप उन्हें इसके जरिए सुधार सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न आयकर की धारा 139 (5) के तहत भरा जाता है।

कौन भर सकता है रिवाइज्ड आईटीआर: रिवाइज्ड आईटीआर सिर्फ वही व्यक्ति भर सकता है जिसने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अपना आईटीआर 31 जुलाई 2018 (तय तारीख, इसमें बदलाव भी हो जाता है) से पहले भर लिया है। अगर किसी ने अपना आईटीआर 1 अगस्त 2018 को फाइल किया है वो अपने आईटीआर को रिवाइज्ड नहीं कर सकता है।

रिवाइज्ड आईटीआर के लिए क्या जरूरी:

डेट ऑफ फाइलिंग ऑफ ओरिजनल रिटर्न एकनॉलेजमेंट ऑफ फाइलिंग ओरिजनल रिटर्न

आपको बता दें कि रिवाइज्ड रिटर्न के प्रोविजन नॉर्मल रिटर्न फाइलिंग की ही तरह होते हैं।

कितनी बार कर सकते हैं रिटर्न में सुधार? बता दें कि आप अपने रिटर्न को कितनी भी बार चाहें रिवाइज्ड कर सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न के बाद ओरिजनल रिटर्न की वैल्यू खत्म हो जाती है। यानी अगर आपने अपने पहले रिटर्न में 10 लाख की टैक्स देनदारी दर्ज कराई है और रिवाइज्ड में 8 लाख की तो 8 लाख वाला रिटर्न ही मान्य होगा।

वहीं अगर आपने अपने पुराने आईटीआर में 10 लाख की टैक्स देनदारी दिखाई है और रिवाइज्ड में आप 15 लाख की टैक्स देनदारी बता रहे हैं तो आपको पहले 5 लाख के टैक्स का भुगतान करना होगा उसके बाद ही आप अपने आईटीआर को रिवाइज्ड कर पाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि ये पेंमेंट सेल्फ असेसमेंट इयर के आधार पर ही होगी जैसा कि आपने अपने ओरिजनल आईटीआर में किया था।

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