सोने के सिक्के या गहने नहीं, यहां करें निवेश मिलेगा मोटा रिटर्न

अगर निवेश के लिहाज से सोने की खरीद कर रहे हैं तो सिक्के या गहनें से बेहतर है कि गोल्ड बॉण्ड या गोल्ड ईटीएफ जैसे निवेश विकल्पों में निवेश कर सकते हैं

By Surbhi JainEdited By: Publish:Tue, 17 Oct 2017 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 17 Oct 2017 03:52 PM (IST)
सोने के सिक्के या गहने नहीं, यहां करें निवेश मिलेगा मोटा रिटर्न
सोने के सिक्के या गहने नहीं, यहां करें निवेश मिलेगा मोटा रिटर्न

नई दिल्ली (जेएनएन)। धनतेरस के दिन सोने और चांदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इस दिन कोई चांदी का सिक्का खरीदता है तो कोई सोने के गहने। लेकिन आप अगर निवेश के लिहाज से सोने की खरीद कर रहे हैं तो सिक्के या गहनें से बेहतर है कि गोल्ड बॉण्ड या गोल्ड ईटीएफ जैसे निवेश विकल्पों में निवेश करें। एक्सपर्ट मानते हैं कि इन विकल्पों में निवेश करने पर आपको परंपरागत निवेश विकल्पों की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलेगा।

क्या है गोल्ड ईटीएफ?
गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश के बेहतरीन तरीकों में से एक है। ये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड होते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं। ट्रेडिंग के दौरान निवेशक किसी भी समय इन फंड को खरीद सकता है। इसकी वैल्यू मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। इस फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है। ये फंड उन निवेशकों के लिए होते हैं जो सोने की बदलती कीमतों के आधार पर मुनाफा कमाना चाहते हैं।

गोल्ड ईटीएफ के फायदे:
• निवेशक जितनी चाहें यूनिट खरीद सकते हैं
• एक कारोबारी दिन के दौरान अलग अलग वैल्यू मिलने के कारण निवेशक किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं
• निवेशकों को इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमाने का मौका मिलता है
• फंड का एक्सपेंस रेशयो काफी सस्ता है तो इससे निवेशकों को अच्छा फायदा मिलता है
• निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम से आजादी मिल जाती है
• इसमें खरीद के लिए अन्य तरह के चार्ज नहीं देने होते हैं जैसे की सोने की खरीद में आपको मेकिंग चार्ज देना होता है
• निवेशक अपनी सहूलियत के हिसाब से एंट्री और एक्जिट कर पाता है

क्या है गोल्ड सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड:
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का विकल्प है। इस स्कीम को पिछले वर्ष नवंबर में लॉन्च किया गया था। नियम के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड में 8 साल के लिए निवेश करना जरूरी है, जिसे कम से कम 5 साल के लिए बनाए रहना होगा। कम से कम 1 ग्राम सोने और अधिकतम 500 ग्राम सोने के लिए बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं। बॉन्ड खरीद के लिए पेमेंट अगर कैश से करनी है तो अधिकतम 20,000 रुपए कैश दे सकते हैं। वहीं इससे ऊपर की पेमेंट चेक या नेट बैंकिंग के जरिए करनी होगी।

जानिए गोल्ड बॉन्ड में निवेश के क्या हैं फायदे:
• गोल्ड बॉण्ड में निवेश करने पर अच्छा ब्याज मिलता है।
• इसमें निवेश करने से डीमैट और ईटीएफ जैसे कोई शुल्क नहीं लगाए जाते हैं। गोल्ड बॉण्ड की ब्याज दर 2.75 फीसदी है।
• सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गोल्ड बॉण्ड को डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर इसे अपने घर या डीमेट एकाउंट में भी रखा जा सकता है।
• गोल्ड बॉण्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। गोल्ड बॉण्ड में मिलने वाला सोना शत प्रतिशत शुद्ध सोने की ही वैल्यु देता है।
• सरकार लंबी अवधि वाले गोल्ड बॉण्ड जारी कर रही है। इसमें निवेश की अवधि 8 वर्ष होती है, लेकिन आप 5 वर्ष के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। पांच वर्ष के बाद पैसे निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगाया जाता है।
• गोल्ड बॉण्ड भारत सरकार की ओर से दी गई सॉवरन गारंटी होती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यह हमेशा सकारात्मक रिटर्न्स ही देगा।
• जरूरत पड़ने पर गोल्ड बॉण्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉण्ड पेपर को लोन के लिए कोलैटर्ल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पोस्ट ऑफिस की नैश्नल सेविंग सर्टिफिकेट के जैसा होता है।

गोल्ड ईटीएफ या बॉण्ड में से क्या बेहतर?
फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि अगर आपको फिजिकल गोल्ड के बजाए निवेश के लिए गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ में से किसी एक को चुनना हो तो मैं गोल्ड ईटीएफ की सलाह दूंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आप इसमें अपने हिसाब से निवेश कर सकते हैं। इसमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और उससे कभी भी निकल सकते हैं। इस लिहाज से यह बेहतर है। वहीं दूसरी ओर गोल्ड बॉन्ड एक फिक्स्ड टेन्योर के लिए होता है और इसमें से निकासी मार्केट की लिक्विडिटी पर निर्भर करती है। यह पांच साल के लिए होता है। लेकिन अगर सुरक्षा की बात की जाए तो फिजिकल गोल्ड के मुकाबले ये दोनों ही विकल्प काफी बेहतर हैं।

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