आम बजट 2017-18: बिजनेसमैन के लिए कैसे आएंगे अच्छे दिन समझिए

डिजिटल पेमेंट को शहर और गांव दोनों जगहों पर सुचारु रूप चलाने के लिए वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पीओएस मशीनों पर ड्यूटी में कटौती की सौगात दी है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Fri, 03 Feb 2017 04:51 PM (IST) Updated:Fri, 03 Feb 2017 04:58 PM (IST)
आम बजट 2017-18: बिजनेसमैन के लिए कैसे आएंगे अच्छे दिन समझिए
आम बजट 2017-18: बिजनेसमैन के लिए कैसे आएंगे अच्छे दिन समझिए

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार का चौथा पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट के जरिए वित्त मंत्री ने ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा को साफ कर दिया। डिजिटल पेमेंट को शहर और गांव दोनों जगहों पर सुचारु रूप चलाने के लिए वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पीओएस मशीनों पर ड्यूटी में कटौती की सौगात दी है।

ई-मुंशी डॉट कॉम के टैक्स एक्सपर्ट और सीए अंकित गुप्ता ने अरुण जेटली के बजट से यह डिकोड करने की कोशिश की है कि आखिर कैसे बजट 2017 बिजनेसमैन के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है। सीधे शब्दों में इसने बिजनेसमैन के अच्छे दिन लाने के इंतजाम किए हैं। छोटो करदाताओं के लिए जिनकी आय किसी बिजनेस ये पेशे से होती है के लिए अब बहुत ही आसान एक पेज का टैक्स रिटर्न फॉर्म उपलब्ध होगा।आयकर की धारा 143 के अंतर्गत पहली बार टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं की स्क्रूटनी नहीं की जाएगी।2.5 लाख से 5.0 लाख तक की कमाई करने वाले करदाताओ के लिए टैक्स की दरें 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई हैं।50 लाख तक के टर्नओवर वाली छोटी कंपनियों (एमएसएमई) के लिए टैक्स की दरों को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।मैट के दायरे में आने वाले छोटे व्यापारी अब 15 साल के अपने घाटे को कैरी फॉवर्ड कर सकेंगे, पहले यह सीमा 10 साल थी।करदाताओं के पास अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में छूट प्राप्त करने के ज्यादा विकल्प होंगे, ऐसा वो मान्य बॉन्ड में निवेश कर कर सकेंगे। आयकर की धारा 54EC के अंतर्गत 50 लाख तक का (u/s) लाभ प्राप्त कर सकेंगे।कॉल सेंटर का कारोबार करने वाले व्यक्ति की तरफ से किए जाने वाले टीडीएस भुगतान की दर को घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह दर 10 फीसदी थी।2 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले छोटे बिजनेसमैन की ओर से डिजिटल माध्यम (चेक, डीडी या बैंक के माध्यम से ईसीएस) से किए जाने वाले प्रकल्पित कराधान की दर (Rate of presumptive taxation) को 8 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया है।पेशेवरों के लिए मार्च तक एक किश्त में अग्रिम कर का भुगतान करना आवश्यक होगा। अभी तक ऐसे लोग तीन किश्तों में भुगतान करते हैं।1 अप्रैल 1981 से लेकर 1 अप्रैल 2001 तक प्रॉपर्टी शिफ्टर की काउंटिंग कास्ट का बेस रेट निश्चित रूप से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कम कर देगा, जिससे की टैक्स देनदारी भी कम हो जाएगी लब्बोलुआब यह है कि यह बजट समाज के हर वर्ग के लिए है। ज्यादा घोषणाएं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए की गई हैं और हम इस बजट को 10 में से 7 नंबर देते हैं।

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