Investment Tips: इन चुनौतीपूर्ण हालात में भी हैं निवेश के अनोखे अवसर, निवेशक हो सकते हैं मालामाल
Invsetment Tips हमने हमेशा ऐसी आपदाओं का डट कर सामना किया है। इसलिए बाजार यदि मौका दे रहा है तो इसका फायदा उठाएं।
कैलाश कुलकर्णी, नई दिल्ली। बाजार की स्थिति चिंता जनक है और लगभग पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी फैलने के साथ हालात दिनों दिन खराब होते नजर आ रहे हैं। भारतीय बाजार पर भी इसका प्रतिकूल असर हुआ। आगे की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है और जैसा कि दुनिया भर की सरकारें और वैश्विक संगठन इस आपदा से निपटने के उपाय और तरीके अपना रहे हैं, यह लड़ाई लंबी खिंचती नजर आ रही है। हालात चुनौतीपूर्ण जरूर हैं, लेकिन यह भी सच है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ। हमने हमेशा ऐसी आपदाओं का डट कर सामना किया है। इसलिए बाजार यदि मौका दे रहा है तो इसका फायदा उठाएं।
जाहिर है, एक निवेशक के तौर पर मैं चिंतित हूं। खुद से सवाल कर रहा हूं कि मौजूदा परिस्थितियों में क्या किया जाए। चिंता गहराने की वजह यह है कि कुछ ही समय में मेरी संपत्तियों की वैल्यू काफी घट गई है। एक महीने से भी कम समय में सेंसेक्स करीब 30 प्रतिशत नीचे आ गया है। लेकिन, मैं यह भी जानता हूं कि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए अभूत पूर्व हालात के कारण तमाम छोटे-बड़े कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम गई है और महामारी रोकने के प्रयासों से सभी तरह के बिजनेस, चाहे वे किसी भी आकार और प्रकृति के हों, किसी न किसी तरीके से प्रभावित हुए हैं। यह भी तय है कि अभी कुछ हफ्तों तक यह सब जारी रहेगा।
हालात जब सामान्य हो जाएंगे, जो देर सबेर होना ही है, हमें पूरा भरोसा है कि सरकार औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कुछ कदम उठाएगी। प्रोत्साहन पैकेज की भी संभावना है। कुल मिलाकर रिकवरी तो होनी ही है। सवाल केवल यह है कि इसमें कितना वक्त लगता है।
मौजूदा हालात में ये तीन सवाल हैं महत्वपूर्ण
1. क्या मैं अनुमान लगा सकता हूं कि आगे क्या होने वाला है और फिलहाल जो स्थिति है, क्या उसकी प्रकृति स्थाई है?
जहां तक मैं समझता हूं दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो यह अंदाजा लगा सके कि कोरोना वायरस के कारण फैल रही महामारी कब तक नियंत्रण में आ जाएगी और आम जनजीवन कब तक सामान्य हो जाएगा। लेकिन, ऐतिहासिक रूप से हमने हमेशा देखा है कि आपदा, युद्ध या ऐसी वैश्विक प्रभाव वाली अन्य घटनाओं के बाद लोगों ने वापस काम-धंधे शुरू कर दिए हैं और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आई है। असल में कोई भी देश या समुदाय हमेशा स्थिर नहीं रहे। जरूरत के हिसाब से नई चीजें इजाद कर के हालात का मजबूती से सामना करना और मुश्किलों से पार पाना इंसान के स्वभाव में रहा है।
2. क्या मुझे निवेश पैटर्न बदल देना चाहिए?
जहां तक मेरा मामला है, अधिकांश निवेश चाहे वह सीधे शेयरों और बॉन्ड की खरीद-फरोख्त हो या फिर म्युचुअल फंडों के जरिए बाजार में लगाया गया पैसा, लंबी अवधि के नजरिए से किए गए हैं। मेरे सारे निवेश तानाबाना एक निश्चित लक्ष्य को ध्यान में रखकर बुना गया है। इसके अलावा मेरा यह भी मानना है कि फिलहाल बहुत सारे अच्छे शेयर कम कीमतों पर उपलब्ध हैं। इस लिहाज से इक्विटी में निवेश बढ़ाने के लिए यह मुफीद समय है। मैं निश्चित रूप से एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) नहीं बंद करूंगा, क्योंकि मुझे पता है कि वे (फंड मैनेजरर्स) इन दिनों कम लागत पर ज्यादा युनिट्स खरीद रहे हैं।इसके कारण हालात जब सामान्य होंगे तब रिटर्न बढ़ेगा।
3. क्या हमें निवेश व पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित होना चाहिए और एफडी का रुख करना चाहिए?
मैंने अपने निवेश को कई हिस्सों में बांट रखा है। डेट फंड, बैंक एफडी, पीएफ, पीपीएफ आदि इसमें शामिल हैं। मेरे आकस्मिक फंड में पर्याप्त पैसा भी है। ऐसे में मुझे क्यों भयभीत होकर इक्विटी में निवेश बढ़ाने का मौजूदा मौका गंवाना चाहिए? कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि यदि किसी निवेशक ने वित्तीय लक्ष्य ध्यान में रखते हुए जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के हिसाब से अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगा रखा है, तो उसे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
4. काल्पनिक नुकसान को वास्तविक घाटे में न बदलें
मैं समझता हूं कि इन दिनों हर कोई हालात को लेकर डरा हुआ है। लेकिन, घबराहट में हर एसेट को कैश में भुना लेना बुद्धिमानी नहीं है। अभी फंड रिडीम करने का मतलब यह होगा कि आपने काल्पनिक नुकसान को वास्तविक घाटे में तब्दील कर लिया। यह ऐसा समय है जब एक सलाहकार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हालात जल्द नियंत्रण में आ जाएंगे।आम जन-जीवन और लोगों के काम-धंधे सामान्य हो जाएंगे। फिलहाल सलामती की दुआ करते हुए सावधानियां बरतें और सुरक्षित रहें।
(लेखक एल एंड टी म्युचुअल फंड के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)