Budget 2023: हेल्थकेयर सेक्टर को मिलेगी सौगात? आयुष्मान योजना के विस्तार की उम्मीद; पिछले बजट में क्या था खास

Budget 2023-24 for Health Sectorकिसी भी देश की अर्थव्यवस्था में वहां का हेल्थ सेक्टर काफी अहम होता है।जब से कोरोना ने दस्तक दिया तब से हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने पर काफी जोर दिया जा रहा है। हेल्थ सेक्टर में अभी भी लोगों को कई सुविधाएं मिलने का इंतजार है।

By Babli KumariEdited By: Publish:Wed, 01 Feb 2023 09:36 AM (IST) Updated:Wed, 01 Feb 2023 09:50 AM (IST)
Budget 2023: हेल्थकेयर सेक्टर को मिलेगी सौगात? आयुष्मान योजना के विस्तार की उम्मीद; पिछले बजट में क्या था खास
Health Budget हेल्थ क्षेत्र का बजट 2023 (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Budget 2023-24 for Health Sector केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज सुबह 11 बजे से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संसद में बजट (Union Budget 2023) पेश करेंगी। इस बजट भाषण के दौरान 140 करोड़ देशवासियों के लिए बड़ी घोषणाएं हो सकतीं हैं। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 5वां बजट है।

अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट भी होगा। इसलिए उम्मीद की जा रही है इस बार के केंद्रीय बजट में 2024 के चुनावों को ध्यान में रखकर घोषणाएं हो सकती हैं। बजट 2023 से कृषि, शिक्षा, इनकम टैक्स स्लैब, हेल्थ और सरकारी योजनाओं से लेकर होम लोन, स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की उम्मीदें बंधी हैं।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कुछ बड़ी घोषणाओं की उम्मीद कर रहा है। पिछले बजटों में बढ़ते आवंटन के साथ, हाल के वर्षों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र सरकार का एक प्रमुख फोकस रहा है। केंद्रीय बजट 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए आवंटन लगभग 86,200 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष यानि 2021-2022 की तुलना में 16.5% अधिक था। बजट 2023 से भारत में समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के लिए सरकार की योजनाओं के लिए एक रोडमैप प्रदान करने की उम्मीद है।

बजट 2023 से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र क्या करें उम्मीद ?

बजट 2023 से प्रमुख अपेक्षाओं में से एक स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च में वृद्धि है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण और उन्नयन, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों में निवेश करना शामिल है। सरकार से सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने पर भी ध्यान देने की उम्मीद है, जो वर्तमान में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ उनके प्रशिक्षण और पेशेवर विकास में सुधार करके देशवासियों की सेवा करती है।

सरकार से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए धन में वृद्धि की भी उम्मीद है। इसमें बीमारियों पर शोध के साथ-साथ नई दवाओं और उपचारों के विकास के लिए धन शामिल है।

हेल्थ सेक्टर के बजट में हो इजाफा

आगामी बजट में सरकार एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा कवरेज प्रणाली के कार्यान्वयन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। इसमें सभी नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना शामिल है। सरकार ने पहले आयुष्मान भारत योजना शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य लगभग 100 मिलियन परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है, और बजट 2023 में इस योजना के और विस्तार की उम्मीद है।

स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज का हो सकता है विस्तार

कुल मिलाकर, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को केंद्रीय बजट 2023 में वित्त पोषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखने की उम्मीद है। सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज का विस्तार करने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने पर है।

प्रौद्योगिकी से भारत में समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार की उम्मीद है। प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल पर अधिक ध्यान देने के साथ, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है। बजट से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा कवरेज और आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की सरकार की योजना पर भी स्पष्टता मिलने की उम्मीद है। इन पहलों के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा, जिससे एक स्वस्थ और अधिक उत्पादक आबादी का निर्माण होगा।

पिछले बजट में क्या था खास

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य ढांचागत निर्माण मिशन (पीएमएबीएचआइएम) उन योजनाओं में से एक है, जिसे देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए शुरू किया गया था। 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 64,180 करोड़ रुपए के प्रावधान की बात थी, लेकिन पिछले दो बजट में कुल मिलाकर लगभग 8000 करोड़ रुपए का ही आवंटन किया गया है। इसे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि पीएमजेएवाइ और पीएमएसएसवाइ में विस्तार के साथ तृतीयक देखभाल का ध्यान रखा गया है।

सर्वे के अनुसार 2014 में जहां स्वास्थ्य क्षेत्र पर जीडीपी का महज 1.2 प्रतिशत खर्च होता था, वहीं 2022-23 के वित्तीय वर्ष में यह 2.2 प्रतिशत पर पहुंच गया। 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत सरकार ने 2025 तक जीडीपी का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य के मद में खर्च करने का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करना अब आसान दिख रहा है।

इस बजट में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय में बीमा, टीके, टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) सहित विभिन्न क्षेत्रों से निपटने के लिए पिछले बजट की तुलना में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है।

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