LIVE BLOG

Budget 2020 Nirmala Sitharaman: शनिवार को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, क्‍या आम आदमी की उम्‍मीदें होंगी पूरी

<p>Budget 2020 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पार्ट 2.0 का दूसरा बजट होगा।</p>

NiteshPublish:Fri, 31 Jan 2020 07:46 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jan 2020 07:54 PM (IST)
Budget 2020 Nirmala Sitharaman: शनिवार को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, क्‍या आम आदमी की उम्‍मीदें होंगी पूरी
Budget 2020 Nirmala Sitharaman: शनिवार को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, क्‍या आम आदमी की उम्‍मीदें होंगी पूरी

Highlights

  • Personal Income Tax में कटौती के संकेत
  • टैक्स एक्जेम्शन एवं 80 (C) की सीमा में बढ़ोत्तरी
  • होम लोन, एजुकेशन लोन में राहत
31/01/2020
7:54:12 pm

शनिवार को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, क्‍या आम आदमी की उम्‍मीदें होंगी पूरी

सर्वेक्षण में जो आंकड़े दिए गए हैं उससे साफ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उक्त तीनों मामलों में पिछड़ रही है। इन तीनों सेक्टरों में नई जान फूंकने के लिए सुधारों का नया डोज देना होगा। इससे माना जा रहा है कि बजट 2020-21 में मौजूदा आर्थिक सुधारों की रफ्तार बढ़ा सकती है।

निवेश व बचत की रफ्तार सुधारने के लिए सरकार क्या करेगी, इसके बारे में सर्वेक्षण ने कोई संकेत नहीं दिए है। इस बारे में वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कृष्णामूर्ति सुब्रमणियन ने कहा कि, निवेश व बचत को बढ़ाने की कोशिश सरकार की एक सतत प्रक्रिया है। हर इकोनोमी में इसमें लगातार सुधार की जरुरत होती है।

31/01/2020
7:47:20 pm

Budget 2020 Nirmala Sitharaman: शनिवार को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, क्‍या आम आदमी की उम्‍मीदें

Budget 2020 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पार्ट 2.0 का दूसरा बजट होगा। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। क्योंकि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार एक दशक के न्यूनतम स्तर पर रहने का अनुमान बताया गया है। सीतारमण के समक्ष इस बजट में संतुलन कायम करने की सबसे बड़ी चुनौती है। आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि देश की GDP Growth को पटरी पर लाने के लिए सरकार को Personal Income Tax में कटौती, पूंजीगत निवेश बढ़ाने एवं नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाने चाहिए। बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि GDP Growth घटकर 4.5 फीसद रह गई। इससे करोड़ों युवाओं की नौकरी की संभावनाओं पर असर पड़ा है।

chat bot
आपका साथी