Budget 2020: डाक्टरों और अस्पतालों की कमी दूर करने की पहल, सभी जिलों में खुलेंगे जन औषधि केंद्र

Budget 2020 देश में अस्पतालों और डाक्टरों की कमी को दूर कर आम आदमी के लिए सर्वसुलभ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बजट में विशेष प्रावधान किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 01 Feb 2020 08:07 PM (IST) Updated:Sat, 01 Feb 2020 09:05 PM (IST)
Budget 2020: डाक्टरों और अस्पतालों की कमी दूर करने की पहल, सभी जिलों में खुलेंगे जन औषधि केंद्र
Budget 2020: डाक्टरों और अस्पतालों की कमी दूर करने की पहल, सभी जिलों में खुलेंगे जन औषधि केंद्र

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Budget 2020: देश में अस्पतालों और डाक्टरों की कमी को दूर कर आम आदमी के लिए सर्वसुलभ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। पिछले बजट में 75 जिला अस्पतालों के साथ मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद अब इस बार सभी जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेजों से जोड़ने का रास्ता साफ कर दिया है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को घर के नजदीक मुफ्त अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उन जिलों में पीपीपी मॉडल पर अस्पताल खोला जाएगा। इसके साथ ही सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर जिले में जन औषधि केंद्र खोलने का भी ऐलान किया गया।

अस्‍पताल खोलने के लिए देश के सबसे पिछड़े 112 जिलों को प्राथमिकता

आयुष्मान भारत के तहत देश के 50 करोड़ से अधिक गरीबों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन छोटे शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण गरीबों को बड़े शहरों के अस्पतालों में जाना पड़ता है। सरकार अब पीपीपी मॉडल पर छोटे और मझोले शहरों में अत्याधुनिक अस्पताल खोलने के लिए सहायता उपलब्ध कराएगी। देश के सबसे पिछड़े 112 जिलों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। उनमें भी उन जिलों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें आयुष्मान भारत से जुड़ा कोई अस्पताल नहीं है। इसके साथ ही सभी जिला अस्पतालों को पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कालेजों से जोड़ने से स्थानीय स्तर पर डाक्टरों की कमी दूर करने में सहायता मिलेगी। इसमें शर्त सिर्फ इतनी है कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकारों को जमीन उपलब्ध करानी होगी। इसके अलावा 2024 तक हर जिले में खुलने वाले जन औषधि केंद्रों में 2000 दवाइयां और 300 सर्जरी से जुड़े सामान उपलब्ध कराए जाएंगे।

2022 तक देश में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य

पिछले डेढ़ साल में 80 लाख से अधिक गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाले आयुष्मान भारत और वेलनेस सेंटर के लिए प्रधानमंत्री आरोग्य योजना के तहत 6400 करोड़ रुपये दिये गए हैं। इस योजना के तहत 2022 तक पूरे देश में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य है, जिसमें लोगों को सभी बीमारियों के मुफ्त जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। बजट में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों और उनके इलाज के आंकड़ों आर्टिफिशियल लर्निग (एआइ) से विश्लेषण कर इन बीमारियों के होने के पहले ही रोकने की व्यवस्था विकसित करने का संकेत दिया गया है। वित्तमंत्री ने 2025 तक देश को टीबी से पूरी तरह मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य दोहराया।

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