मौसम विभाग का अलर्ट- बारिश के साथ पड़ेंगे ओले, जानें किसानों के लिए क्यों नहीं है डरने की बात

इस वक्त गेहूं और दूसरी रबी फसल की कटाई का काम जोरों पर है। लेकिन पिछले दिनों देश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में बारिश आंधी के साथ ओले पड़ेंगे। आइए जानते हैं कि मौसम में इस बदलाव का खेती पर क्या असर पड़ सकता है।

By AgencyEdited By: Suneel Kumar Publish:Tue, 16 Apr 2024 06:15 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 06:15 PM (IST)
मौसम विभाग का अलर्ट- बारिश के साथ पड़ेंगे ओले, जानें किसानों के लिए क्यों नहीं है डरने की बात
चक्रवाती सर्कुलेशन के कारण अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिर सकती है।

पीटीआई, नई दिल्ली। इस वक्त गेहूं और दूसरी रबी फसल की कटाई का काम जोरों पर है। लेकिन, पिछले दिनों देश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। इससे से आशंका जताई जा रही थी कि फसलों की कटाई पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि, कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक फसलों पर बारिश के किसी तरह के प्रभाव की कोई सूचना नहीं आई है और कटाई का काम पूरा जोरों पर है।

बारिश और ओले पड़ने की आशंका

मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि एक नए वेस्टर्न डिस्टर्बनेंस के चलते कई राज्यों में बारिश और ओले पड़ सकते हैं। वेस्टर्न डिस्टर्बनेंस का असर 18-21 अप्रैल के बीच उत्तर-पश्चिम भारत पर रहेगा। इस दौरान पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर असम और दक्षिण तमिलनाडु पर बने एक चक्रवाती सर्कुलेशन के कारण अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिर सकती है।

किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं

एग्रीकल्चर कमिश्नर पीके सिंह का कहना है कि अभी तक कहीं से भी सूचना नहीं आई है कि गेहूं या किसी अन्य फसल को बारिश की वजह से नुकसान हुआ है। उलटे, इस बारिश से धान जैसी जायद (गर्मी) की फसल को फायदा होगा।

गेहूं की फसल पर वेस्टर्न डिस्टर्बनेंस के संभावित प्रभाव पर ICAR-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, 'अगले कुछ दिनों के दौरान जिन राज्यों में बारिश या तूफान का अनुमान है, वहां फसलों पर कोई असर नहीं होगा। फिलहाल किसानों को फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं।'

एक हफ्ते में खत्म हो जाएगी कटाई?

सिंह ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की कटाई अभी शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर इन दोनों राज्यों में लगभग 95 प्रतिशत गेहूं की फसल कट जाएगी। अब किसान कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीनों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कटाई जल्दी निपट जाती है। ऐसे में बारिश या तूफान से किसी नुकसान की आशंका नहीं है।

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