केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी बैंकों के विलय और Companies Act में संशोधन को दी अनुमति

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा की विलय प्रक्रिया से गुजर चुकी है और यह सफल रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 04 Mar 2020 04:25 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2020 07:58 AM (IST)
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी बैंकों के विलय और Companies Act में संशोधन को दी अनुमति
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी बैंकों के विलय और Companies Act में संशोधन को दी अनुमति

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पीएसयू बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। साथ ही कैबिनेट ने विलय होने वाले बैंकों द्वारा सबमिट की गई विलय योजना को भी अनुमति दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बैंक विलय की समयसीमा यानी एक अप्रैल के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे विलय होने वाले बैंको के मुख्य बैंकिंग कार्य बाधित नहीं होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा की विलय प्रक्रिया से गुजर चुकी है और यह सफल रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा।

साथ ही कैबिनेट ने बुधवार को कंपनी लॉ में कई संशोधनों को भी मंजूरी दी इनमें कानून तोड़ने से जुड़ी विभिन्‍न गलतियों को अपराध की श्रेणी से अलग रखना भी शामिल है। कैबिनेट द्वारा कंपनीज एक्ट 2013 में 72 बदलावों को मंजूरी दी गई है।

संवाददातों को संबोधित करते हुए कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्ट में "अपराधमुक्ती" वाले प्रावधानों को प्राथमिकता से लिया गया है। सीतारमण, जो कि वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा कि कैबिनेट ने एक्ट में 72 बदलावों को मंजूरी दी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि एक्ट के अंदर 66 क्षमायोग्य अपराधों में से करीब 23 को अलग किया जाएगा। वहीं, सात क्षमायोग्य अपराधों को हटा दिया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार कई सेक्शंस में कैद के प्रावधानों को भी हटाएगी और कई क्षमायोग्य अपराधों में पेनल्टी को कम करेगी। सीतारमण ने कहा कि ये कदम ईज ऑफ डूइंज बिजनेस अर्थात कारोबार को आसान बनाने की दिशा में उठाए जा रहे हैं।

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