एयरटेल, वोडाफोन आइडिया ने SC के फैसले पर दायर की पुनर्विचार याचिका, 92,000 करोड़ रुपये भुगतान का है मामला

टेलीकॉम कंपनियां भारती एयरटेल वोडाफोन आइडिया टाटा टेलीसर्विसेज ने कोर्ट में पुनर्विचार याछिका दायर की है

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 05:17 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 05:33 PM (IST)
एयरटेल, वोडाफोन आइडिया ने SC के फैसले पर दायर की पुनर्विचार याचिका, 92,000 करोड़ रुपये भुगतान का है मामला
एयरटेल, वोडाफोन आइडिया ने SC के फैसले पर दायर की पुनर्विचार याचिका, 92,000 करोड़ रुपये भुगतान का है मामला

नई दिल्ली, एएनआइ। टेलीकॉम कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, टाटा टेलीसर्विसेज ने सुप्रीम कोर्ट में 24 अक्टूबर के पहले के आदेश को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसमें दूरसंचार कंपनियों को एजीआर (एडजस्टेबल ग्रॉस रेवेन्यू) मुद्दे पर केंद्र को लगभग 92,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। 

बुधवार को संसद में रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ ही सर्विस प्रोवाइडर और टावर कंपनियों पर अगस्त 2017 तक 7.87 लाख करोड़ का कर्ज था। प्रसाद के मुताबिक, 16 टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर लाइसेंस फीस का कुल बकाया 92,642 करोड़ रुपए है। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि यह प्रोविजनल आंकड़ा है और AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बकाया राशि की गणना अलग होगी।

Bharti Airtel, Vodafone Idea, Tata Teleservices file review petitions in Supreme Court challenging the Court's earlier order of October 24, which had directed the telecom companies to pay around Rs 92,000 crores to the Centre on AGR (Adjusted Gross Revenue) issue. pic.twitter.com/GIndtWSOsZ

— ANI (@ANI) November 22, 2019

उन्होंने बताया कि वोडाफोन-आइडिया पर 28,309 करोड़ की लाइसेंस फीस बकाया है, जबकि एयरटेल पर 21,682 करोड़ की लाइसेंस फीस, टेलीनॉर पर 1,950 करोड़ की लाइसेंस फीस और टाटा ग्रुप की कंपनियों पर 9,987 करोड़ की लाइसेंस फीस बकाया है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने नॉन-टेलिकॉम रेवेन्यू को भी AGR का हिस्सा मानने के टेलीकॉम विभाग के दावे को बरकरार रखा था और 24 अक्टूबर को टेलीकॉम कंपनियों से कहा था कि वह बकाये का भुगतान कर दें।

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