सुनील भारती मित्तल एच1बी वीजा पर बोले क्यों ना भारत में फेसबुक, व्हाट्सएप को बंद कर दें

एच1बी वीजा पर सुनील भारती बोले क्या भारत को भी फेसबुक, गूगल को केवल इसलिए ना कर देना चाहिए क्योंकि वो अमेरिकी कंपनियां हैं

By Surbhi JainEdited By: Publish:Sat, 29 Apr 2017 06:04 PM (IST) Updated:Sat, 29 Apr 2017 06:04 PM (IST)
सुनील भारती मित्तल एच1बी वीजा पर बोले क्यों ना भारत में फेसबुक, व्हाट्सएप को बंद कर दें
सुनील भारती मित्तल एच1बी वीजा पर बोले क्यों ना भारत में फेसबुक, व्हाट्सएप को बंद कर दें

नई दिल्ली (पीटीआई)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि क्या भारत को भी फेसबुक, गूगल और व्हाट्सएप को केवल इसलिए ना कर देना चाहिए क्योंकि वे अमेरिकी कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि बीत कुछ सप्ताह से अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अपने वीजा नियमों को सख्त करने में जुटे हैं और एच1बी वीजा नियमों में सख्ती की तैयारी की जा रही है।

सुनील भारती मित्तल से यह पूछने परकि यदि उनकी कंपनी एयरटेल को किसी विशेष देश में एंट्री नहीं दी जाए तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी पर मित्तल ने कहा कि गूगल, फेसबुक और व्हाट्सएप का उदाहरण दिया जिनके भारत में करोड़ों यूजर हैं। मित्तल ने पूछा कि क्या इन कंपनियों को भारत में तब भी संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए जबकि इसी तरह के एप भारतीय कंपनियों के भी हों।

दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल ने शनिवार को कहा कि उन्हें अमेरिकी संरक्षणवाद से बहुत चिंता नहीं हैं क्योंकि उनका बिजेनस पूरी तरह घरेलू बाजार पर आधारित है, लेकिन जब विदेशी कंपनियां भारत में बड़ा मुनाफा कमा रही हों तो भारतीय कामगारों को अमेरिका जाने से रोकना अनुचित है।

मित्तल ने यह भी कहा, “आप ऐसी स्थिति में नहीं रह सकते कि एक ओर तो फेसबुक के 20 करोड़, व्हाट्सएप के 15 करोड़ और गूगल के 10 करोड़ यूजर्स हों......क्या हमें यह कहना चाहिए कि हम फेसबुक और गूगल का भारत में संचालन नहीं चाहते। हमारे पास खुद के एप्स हैं।”

सुनील मित्तल ने कहा कि भारत तकनीकी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है। बीते कुछ सप्ताह से अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अपने वीजा नियमों को कड़ा करने में जुटे हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि इसका उन भारतीय कंपनियों की लागत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जो इन देशों के वीजा पर वहां के ग्राहकों की सेवा के लिए अपने कर्मचारयों को भेजती हैं।

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