ब्याज पर ब्याज माफ करना बैंकों की जिम्मेदारी, उपभोक्ताओं को बैंक को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं: वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट मे कहा कि दो करोड़ तक के कर्ज में ब्याज पर ब्याज माफ करना बैंकों की जिम्मेदारी है। इसके लिए उपभोक्ताओं को बैंक को याद दिलाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 09:43 PM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 05:13 PM (IST)
ब्याज पर ब्याज माफ करना बैंकों की जिम्मेदारी, उपभोक्ताओं को बैंक को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं: वित्त मंत्रालय
लोन के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट मे कहा कि दो करोड़ तक के कर्ज में ब्याज पर ब्याज माफ करना बैंकों की जिम्मेदारी है। इसके लिए उपभोक्ताओं को बैंक को याद दिलाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा कि लोन मोरेटोरियम सरकार का वित्तीय नीति का मामला है और सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कई उपाय किये हैं।

सरकार की ओर से ये बात लोन मोरेटोयम के दौरान ब्याज पर ब्याज वसूलने का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कही गई। सरकार ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें सरकार ने कुछ भी न किया हो। सरकार की ओर से दी गई राहतों का हवाला देते हुए सालिसिटर जनरल ने कहा कि इस मामले में कोर्ट को अब कोई और आदेश नहीं देने चाहिए, चाहे भले ही याचिकाकर्ता यह दलील क्यों न दें कि इससे बेहतर हो सकता था।

मेहता ने दो करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज पर ब्याज माफ करने की योजना बताते हुए कहा कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी बैकों की है, इसके लिए उपभोक्ताओं को बैंकों को योजना की याद दिलाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने छोटे कर्जदारों के हितों के लिए सरकार द्वारा ब्याज पर ब्याज माफ करने की योजना की सराहना की और मुख्य याचिका निपटाने की बात कही।

तभी बिजली उत्पादक कंपनियों ने भी कोर्ट से राहत की गुहार लगाई। कोर्ट ने बिजली उत्पादक कंपनियों से कहा कि वह जो राहत मांग रहीं हैं, उस संबंध में अपने सुझाव रिजर्व बैंक आफ इंडिया को दें। कोर्ट ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया से कहा है कि वह बिजली उत्पादक कंपनियों की ओर से लोन मोरेटोरियम योजना में मांगी जा रही राहतों का जवाब देते हुए अपने सुझाव दाखिल करें।

कोर्ट मामले पर अगले सप्ताह फिर सुनवाई करेगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाएं दाखिल हुईं थी जिनमें कोरोना महामारी के दौरान लोन मोरेटोरियम की घोषणा में लाभ लेने वाले ग्राहकों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज वसूले जाने का विरोध करते हुए उसे माफ करने की मांग की गई है। कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में कुछ करने को कहा था जिसके बाद सरकार ने 2 करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज पर ब्याज माफ करने की योजना निकाली है। मूल याचिकाकर्ताओं ने गुरुवार को सरकार की योजना पर संतोष जताया।

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