SBI के सहयोगी बैंकों के विलय को लेकर जल्द आएगी रिपोर्ट

अगस्त में एसबीआइ ने कहा था कि इस विलय के साथ ही उसकी परिसंपत्तियों में आठ लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां और जुड़ जाएंगी।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 09:47 PM (IST)
SBI के सहयोगी बैंकों के विलय को लेकर जल्द आएगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय स्टेट बैंक समूह में एकीकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए इसके सहयोगी बैंक जल्दी ही अपनी रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक को सौंप देंगे। इन बैंकों के शेयरधारक विलय को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं।

स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे) ने स्टॉक एक्सचेंजों को रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी है कि निदेशक मंडल ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विचार किया। स्टेट बैंक में विलय की स्कीम के अंश के रूप में स्थापित शिकायत निवारण तंत्र की शर्तो पर शेयरधारकों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए यह समिति बनाई गई थी। बोर्ड ने सोमवार को 18 अगस्त की अधिग्रहण स्कीम को बिना किसी बदलाव के मंजूर कर लिया।

बैंक ने कहा है कि एसबीबीजे के अधिग्रहण की स्कीम के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जल्दी ही रिजर्व बैंक की मंजूरी के लिए प्रस्तुत की जायेगी। रिजर्व बैंक अपनी मंजूरी देने के बाद इसे आगे की प्रक्रिया के लिए सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा। इस पर सरकार एसबीआइ एक्ट 1955 की धारा 35 के तहत अधिग्रहण आदेश जारी करेगा।

स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम) ने भी इसी तरह की घोषणा की है। सरकार ने इस साल के शुरू में एसबीआइ में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एसबीआइ में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर (एसबीटी) का विलय किया जाएगा।

अगस्त में एसबीआइ ने कहा था कि इस विलय के साथ ही उसकी परिसंपत्तियों में आठ लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां और जुड़ जाएंगी। इसके बाद स्टेट बैंक की कुल परिसंपत्तियां 30 लाख करोड़ रुपये की होंगी।

स्टेट बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर (एसोसिएट्स एंड सब्सिडियरीज) नीरज व्यास ने कहा कि एसबीटी, एसबीजीजे और एसबीएम की तीन जायज शिकायतें थीं। विशेषज्ञ समिति ने इन्हें स्वीकार कर लिया है। समिति ने स्वैप रेशियो में बदलाव की जरूरत मानी है। इसके साथ ही आपत्तियां खत्म हो गई हैं। इन तीनों लिस्टेड बैंकों के निदेशक मंडलों ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर विचार किया और स्वैप रेशियो को अपनी रजामंदी दी।

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