रिलायंस इंडस्ट्री को Q3 में 8022 करोड़ का नेट प्रॉफिट, उम्मीद से बेहतर रहे तिमाही नतीजे

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तीसरी तिमाही में मुनाफा दर्ज किया है। 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 7506 करोड़ रुपये का रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Mon, 16 Jan 2017 06:21 PM (IST) Updated:Mon, 16 Jan 2017 07:04 PM (IST)
रिलायंस इंडस्ट्री को Q3 में 8022 करोड़ का नेट प्रॉफिट, उम्मीद से बेहतर रहे तिमाही नतीजे
रिलायंस इंडस्ट्री को Q3 में 8022 करोड़ का नेट प्रॉफिट, उम्मीद से बेहतर रहे तिमाही नतीजे

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तीसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे जारी किये हैं। कंपनी को तीसरी तिमाही में 7506 करोड़ रुपए का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट हुआ है। जो बीते साल इसी तिमाही के 7245 करोड़ रुपए से 3.6 फीसदी ज्यादा है। वहीं तीसरी तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 8022 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। साथ ही इस अवधि में कंपनी की कंसोलिडेटेड आय 84,189 करोड़ रुपए रही है। जो बीते साल इसी तिमाही की कुल आय 72513 करोड़ रुपए से 16 फीसदी ज्यादा है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का जीआरएम 10.8 डॉलर प्रति बैरल रहा

रिलायंस इंडस्ट्रीज का दिसंबर तिमाही में जीआरएम 10.8 डॉलर प्रति बैरल रहा है। आपको बता दें कि ये लगातार आठवीं तिमाही है जब कंपनी के ग्रॉस रिफायनिंग मार्जिन 10 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहे हैं। जीआरएम एक बैरल कच्चे तेल की कीमत और उससे मिले एंड प्रोडक्ट की कीमत का अंतर है। जीआरएम ज्यादा होने का मतलब है कि कंपनी को हर बैरल क्रूड की प्रोसेसिंग से कितना फायदा हुआ है।

क्रूड की बढ़ी कीमतों से कंपनी को मिला इन्वेंटरी गेन

दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी को क्रूड कीमतों में बढ़त से इन्वेंटरी गेन मिला है। इस दौरान क्रूड की कीमतें करीब 9 डॉलर प्रति बैरल बढ़ी हैं। इससे इन्वेंटरी की कीमतों में बढ़त का फायदा मिला है। इसके साथ ही एंड प्रोडक्ट के क्रूड लिंक्ड कीमतों में बढ़ोत्तरी से भी कंपनी को फायदा मिला है।

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