Petrol-Diesel Sales: अप्रैल के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री बढ़ी, डीजल की मांग घटी

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। इस दौरान विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की बिक्री सालाना आधार पर 10.4 प्रतिशत बढ़कर 335700 टन हो गई। पेट्रोल और डीजल की तरह एटीएफ की मांग भी अब कोरोना पूर्व स्तर से अधिक हो चुकी है।

By AgencyEdited By: Praveen Prasad Singh Publish:Tue, 16 Apr 2024 08:51 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 08:51 PM (IST)
Petrol-Diesel Sales: अप्रैल के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री बढ़ी, डीजल की मांग घटी
पेट्रोल की खपत में लगातार साल-दर-साल वृद्धि देखी जा रही है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भीषण गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले पेट्रोल और डीजल बिक्री के संबंध में परस्पर विरोधी आंकड़े सामने आए हैं। एक से 15 अप्रैल के दौरान पेट्रोल की बिक्री सात प्रतिशत बढ़कर 12.2 लाख टन हो गई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 11.4 लाख टन थी। वहीं इस अवधि में डीजल की मांग 9.5 प्रतिशत घटकर 31.4 लाख टन रह गई।

पेट्रोल की कीमतों में आंशिक कटौती से निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने के कारण बिक्री बढ़ गई। हालांकि फसल कटाई के मौसम के साथ गर्मी बढ़ने पर कारों में एयर कंडीशनिंग की मांग बढ़ने पर आगे चलकर डीजल की मांग बढ़ने का अनुमान है। पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। इससे पहले दो साल तक ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है। पेट्रोल की खपत में लगातार साल-दर-साल वृद्धि देखी जा रही है जबकि डीजल की खपत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

इस दौरान विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 10.4 प्रतिशत बढ़कर 3,35,700 टन हो गई। पेट्रोल और डीजल की तरह, एटीएफ की मांग भी अब कोरोना पूर्व स्तर से अधिक हो चुकी है। अप्रैल के पहले पखवाड़े में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत बढ़कर 12 लाख टन हो गई। हालांकि, मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 11.6 प्रतिशत घटी है।

 

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