किंगफिशर से पहले वसूली का दावा

आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस से वसूली के पहले अधिकार का दावा किया है। कंपनी की मुंबई स्थित संपत्ति किंगफिशर हाउस पर अधिकार के लिए बैंकों के समूह के प्रयासों के बीच आयकर विभाग ने यह दावा किया है। विभाग का कहना है कि विजय माल्या के नेतृत्व वाली एयरलाइंस की संपत्तियों से पहले टैक्स देनदारी चुकाई जाए।

By Edited By: Publish:Sun, 15 Dec 2013 05:48 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
किंगफिशर से पहले वसूली का दावा

बेंगलूर। आयकर विभाग ने किंगफिशर एयरलाइंस से वसूली के पहले अधिकार का दावा किया है। कंपनी की मुंबई स्थित संपत्ति किंगफिशर हाउस पर अधिकार के लिए बैंकों के समूह के प्रयासों के बीच आयकर विभाग ने यह दावा किया है। विभाग का कहना है कि विजय माल्या के नेतृत्व वाली एयरलाइंस की संपत्तियों से पहले टैक्स देनदारी चुकाई जाए।

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किंगफिशर एयरलाइंस ने कई साल तक कर्मचारियों के वेतन और अन्य तरह के भुगतान से टीडीएस काटा था, लेकिन उसे सरकार के पास जमा नहीं कराया था। आयकर विभाग ने कंपनी पर 350 करोड़ रुपये की देनदारी का दावा किया है। विभाग ने कंपनी की संपत्ति जब्त कर ली है। अब इन संपत्तियों की बिक्री से रकम वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मुंबई एयरपोर्ट के करीब स्थित किंगफिशर हाउस इमारत भी जब्त की गई है।

विभाग का कहना है कि इस संपत्ति से पहले सरकार की देनदारी चुकाई जाए। इसके बाद बैंकों की कर्ज वसूली की जाए। दो दिन पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने किंगफिशर की वह याचिका खारिज की है, जिसमें कंपनी ने बैंकों के समूह द्वारा किंगफिशर हाउस की बिक्री को चुनौती दी थी। अदालत के मुताबिक, बैंक कानून के मुताबिक संपत्ति को अपने कब्जे में ले सकते हैं।

विभाग ने कहा कि आयकर कानून 1961 के प्रावधानों के तहत सरकार को अन्य कर्जो से पहले वसूली का अधिकार है। इसलिए बैंकों के समूह के कर्ज वसूलने से पहले आयकर विभाग का बकाया चुकाया जाए। किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन पिछले 15 माह से बंद है। एयरलाइंस ने सितंबर में विदेशी निवेशकों ने हिस्सेदारी बेचने के संभावित सौदे की बात कही थी, लेकिन अब तक किसी निवेशक का नाम सामने नहीं आया है।

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