7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था: UN की एक रिपोर्ट में हुआ दावा

यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में 7.6 फीसदी की दर से विकास कर सकती है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Wed, 18 Jan 2017 10:26 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jan 2017 10:32 PM (IST)
7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था: UN की एक रिपोर्ट में हुआ दावा
7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था: UN की एक रिपोर्ट में हुआ दावा

नई दिल्ली: भारत दुनिया की उन गतिशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो मजबूत निजी मांग और सरकार के सुधारों के आधार पर 7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है, लेकिन अगर इसमे नोटबंदी के प्रभाव को शामिल न किया जाए तो ऐसा संभव है। यह दावा बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में किया गया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के फैसले ने छोटी अवधि में उपभोक्ता खर्च पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था 7.6 से 7.7 की ग्रोथ पर वापस आ जाएगी। जब यह पूछा गया कि यूएन ने अपनी इस रिपोर्ट में ग्रोथ अनुमान को लेकर नोटबंदी के असर को शामिल क्यों नहीं किया, तो इस पर यूएन ईएससीएपी से जुड़े आर्थिक मामलों के अधिकारी मैथ्यू हैमिल ने बताया, “यूएन की यह रिपोर्ट दिसंबर के अंत में तैयार की गई थी जिसे दिसंबर में अंतिम रुप दिया गया।”

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर नोटबंदी के कारक को शामिल किया जाए तो भारत के लिए जिस ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया था वो मौजूदा अनुमान के मुताबिक थोड़ा कम होगी। संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति और प्रगति (डब्ल्यूईएसपी) के मुताबिक इस रिपोर्ट को बुधवार को जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में 7.6 फीसदी की दर से विकास कर सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत ने खुद को गतिशील उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बीच अच्छे से स्थापित किया है। साल 2017 में ग्रोथ से 7.7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है और वहीं मजबूत निजी उपभोग के बीच साल 2018 में भारत की ग्रोथ 7.6 फीसदी रह सकती है।”

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