भारत का MSME सेक्टर 4 से 5 वर्षों में दे सकता है 1 करोड़ रोजगार: रिपोर्ट

एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ (70 फीसद) रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Wed, 10 Apr 2019 12:47 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 12:47 PM (IST)
भारत का MSME सेक्टर 4 से 5 वर्षों में दे सकता है 1 करोड़ रोजगार: रिपोर्ट
भारत का MSME सेक्टर 4 से 5 वर्षों में दे सकता है 1 करोड़ रोजगार: रिपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के एमएसएमई सेक्टर में इतनी क्षमता है कि वो अगले 4 से 5 वर्षों में एक करोड़ नई नौकरियां दे सकता है। ऐसा आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर किया जा सकता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।

देश की माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) पर नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनिंदा सेगमेंट में एमएसएमई को विकसित करने से अगले 4-5 वर्षों में अतिरिक्त 75 लाख से 1 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि देश के विनिर्माण क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी का भार अपने कंधों पर उठाना होगा। कृषि क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों को तो संभालना ही होगा इसके साथ ही श्रम बल में शामिल होने वाले नए बल की जिम्मेदारी भी इसी क्षेत्र पर होगी।

एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ (70 फीसद) रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है। देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है।विभिन्न उत्पादों के निर्माण के लिए देशभर में शंकुल बने हैं, जिनमें कृत्रिम आभूषण, खेलकूद के सामान, वैज्ञानिक उपकरण, कपड़ा मशीनरी, बिजली के पंखे, रबड़, प्लास्टिक, चमड़ा समेत कई अन्य उत्पाद शामिल हैं।

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