Indian Econony: 'भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, अगर...'

भारत की अर्थव्यवस्था 2023 के अंतिम तीन महीनों में उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी जो पिछले डेढ़ साल में सबसे तेज गति है। अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर के दम पर चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। सुब्रमण्यम ने कहा अगर भारत आठ प्रतिशत की दर से बढ़ता है तो 2047 तक भारत 55000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।

By AgencyEdited By: Praveen Prasad Singh Publish:Thu, 28 Mar 2024 08:46 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 08:46 PM (IST)
Indian Econony: 'भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, अगर...'
सुब्रमण्यम ने रोजगार सृजन के लिए मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम ने कहा कि अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सके और सुधारों में तेजी लाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। सुब्रमण्यम ने कहा कि स्पष्ट रूप से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर महत्वाकांक्षी है क्योंकि भारत पहले लगातार आठ प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ पाया है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है।

वेंकट सुब्रमण्यम ने एक कार्यक्रम में गुरुवार को कहा, 'पिछले 10 वर्षों में भारत ने जिस तरह की वृद्धि दर्ज की है, अगर हम पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सकते हैं और सुधारों में तेजी लाएं तो भारत यहां से 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है।'

भारत की अर्थव्यवस्था 2023 के अंतिम तीन महीनों में उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल में सबसे तेज गति है। अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर के दम पर चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया।

सुब्रमण्यम ने कहा, ''अगर भारत आठ प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो 2047 तक भारत 55000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।'' आइएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक ने रोजगार सृजन के लिए मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

सुब्रमण्यन ने साथ ही यह भी कहा, "मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार की आवश्यकता तो है ही, लेकिन साथ ही, हमें इस क्षेत्र के लिए ऋण प्रदान करने के लिए अपने बैंकिंग क्षेत्र में भी सुधार की आवश्यकता है।"

 

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