Independence Day 2022: भारतीय अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टॉप-5 बिजनेसमैन

जिस तरह किसी पौधे को वृक्ष बनने में समय लगता है उसी तरह किसी विकासशील देश को विकसित होने में समय लगता है और इसमें उस देश के बिजनेसमैन एक बड़ा रोल निभाते हैं। ऐसे ही कुछ भारत के व्यवसायी हैं जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाई।

By Sarveshwar PathakEdited By: Publish:Mon, 15 Aug 2022 01:14 PM (IST) Updated:Mon, 15 Aug 2022 01:14 PM (IST)
Independence Day 2022: भारतीय अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टॉप-5 बिजनेसमैन
Independence Day 2022 five Businessmen Who Shaped Indian Economy

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 15 अगस्त के मौके पर आज पूरा देश जश्न मना रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि किसी देश के फलने-फूलने और विकसित होने के लिए एक मजबूत बिजनेस मॉडल जरूरी है। जी हां, यह एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसके माध्यम से सरकार भारी राजस्व एकत्र करती है और व्यावसायिक गतिविधियां टैक्स के रूप में रेवेन्यू में योगदान करती हैं। टैक्स देश को विकसित करने में भी मदद करता है। उद्योग और वाणिज्य का विकास समाज की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। किसी देश में व्यवसाय का विकास आत्मनिर्भरता, आत्म-निर्भरता और आत्म-सम्मान सुनिश्चित करता है। एक आत्मनिर्भर देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग प्रतिष्ठा और स्थिति होती है। आइए इस 75वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर हम जानते हैं, उन व्यवसायियों के बारे में जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1- धीरू भाई अंबानी

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम भारतीय उद्योगपति धीरूभाई अंबानी का आता है , जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक थे। रिलायंस उस समय एक विशाल पेट्रोकेमिकल, संचार, बिजली और वस्त्र समूह था, जो भारत में सबसे बड़ा निर्यातक था और फॉर्च्यून 500 में पहली निजी स्वामित्व वाली भारतीय कंपनी थी। कंपनी की स्थापना 1977 में हुई थी और उनकी मृत्यु के बाद 2002 में कंपनी की नेट वर्थ लगभग 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। धीरू भाई अंबानी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2- रतन टाटा

रतन टाटा टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज सहित प्रमुख टाटा कंपनियों के अध्यक्ष थे और उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह का रेवेन्यू कई गुना बढ़ा था। कुल मिलाकर 2011-12 में टाटा ग्रुप की नेट वर्थ 100 अरब डॉलर थी। देश पर जब-जब कोई आपदा आई है, तब-तब रतन टाटा ने मजबूती के साथ देश का साथ दिया। भारत की इकोनॉमी को पुश करने में टाटा ग्रुप का बड़ा हाथ रहा है।

3- अजीम प्रेमजी

भारतीय व्यापार उद्यमी अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। कंपनी को चार दशकों के विविधीकरण और विकास के माध्यम से सॉफ्टवेयर उद्योग में एक ग्लोबल लीडर के रूप में उभरने के लिए मार्गदर्शन किया। 21वीं सदी की शुरुआत तक प्रेमजी दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक बन गए थे।

4- मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी 74 बिलियन डॉलर (राजस्व) वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज पेट्रोकेमिकल्स, तेल और गैस, दूरसंचार और रिटेल सेक्टर की एक बड़ी कंपनी है। रिलायंस की स्थापना उनके दिवंगत पिता धीरूभाई अंबानी ने 1966 में एक छोटे कपड़ा निर्माता के रूप में की थी। लेकिन, 2002 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अंबानी और उनके छोटे भाई अनिल ने पारिवारिक साम्राज्य को विभाजित कर दिया। रिलायंस ने 2016 में 4G फोन और ब्रॉडबैंड सेवा Jio के लॉन्च के साथ दूरसंचार जगत में एक परिवर्तन पैदा कर दिया। आज, Jio में निवेश करने वालों में Google और Facebook भी शामिल हैं। भारतीय उद्योग जगत को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाने में मुकेश अंबानी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

5- गौतम अदाणी

इन्फ्रास्ट्रक्चर टाइकून, गौतम अदानी, अपने गृह राज्य गुजरात में भारत के सबसे बड़े मुंद्रा पोर्ट को नियंत्रित करते हैं। उनका 13 बिलियन डॉलर (राजस्व) अदाणी समूह के हित बुनियादी ढांचे, वस्तुओं, बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन और रियल एस्टेट में हैं। अदाणी ने सितंबर 2020 में भारत के दूसरे सबसे व्यस्त मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 74% हिस्सेदारी हासिल की थी। ​​वह अब देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा संचालक है। गौतम अदाणी आज विश्व के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। गौतम अदाणी ने अकेले अपने दम पर भारतीय उद्योग जगत को काफी प्रभावित किया।

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