कारोबारियों को मिलेगी राहत, सरल होगी जीएसटी रिटर्न फाइलिंग

जीेएसटी की अगली बैठक में इसपर मुहर लग सकती है कि कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी

By Surbhi JainEdited By: Publish:Wed, 14 Feb 2018 09:33 AM (IST) Updated:Wed, 14 Feb 2018 09:33 AM (IST)
कारोबारियों को मिलेगी राहत, सरल होगी जीएसटी रिटर्न फाइलिंग
कारोबारियों को मिलेगी राहत, सरल होगी जीएसटी रिटर्न फाइलिंग

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के बाद सरकार अब रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाकर कारोबारियों को राहत देने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। वे महज एक आसान रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

सूत्रों के मुताबिक जीएसटी नेटवर्क के चेयरमेन अजय भूषण पांडेय की अध्यक्षता में जो समिति रिटर्न आसान बनाने पर विचार कर रही है, वह इस सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे सकती है। समिति यह रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल के मंत्रिसमूह को सौंपेगी जिसके अध्यक्ष बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हैं। इसके बाद काउंसिल इस महीने के अंतिम सप्ताह में होने वाली बैठक में रिटर्न की प्रक्रिया आसान बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। सूत्रों ने कहा कि रिटर्न की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए जीएसटी कानूनों में भी बदलाव की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए अधिकारियों की समिति जो सिफारिशें करेगी, उसके आधार पर कानून में संशोधन का मसौदा तैयार कर विधि मंत्रालय की राय के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही इसे जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि रिटर्न की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, उनमें सबसे अहम है कि सिर्फ एक ही रिटर्न कारोबारियों से दाखिल कराया जाए। फिलहाल कारोबारियों को जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 के रूप में कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न दाखिल करने होते हैं। हालांकि कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने वाले छोटे और मझोले कारोबारी तीन माह में सिर्फ एक बार अपनी खरीद-बिक्री का ब्यौरा देकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

रिटर्न की जटिल प्रक्रिया के संबंध में लगातार कारोबार जगत से शिकायतें आ रही हैं। मौजूदा प्रक्रिया कितनी जटिल है, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि जीएसटी लागू होने के सात माह बाद भी मासिक जीएसटीआर-2 फार्म नहीं भरे गए हैं। साथ ही रिटर्न दाखिल करने वाले कारोबारियों का आंकड़ा भी कम रहा है। यही वजह है कि काउंसिल को रिटर्न की प्रक्रिया आसान बनाने पर विचार करना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आश्वस्त किया था कि जल्द ही इस संबंध में कदम उठाया जाएगा।

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