बैंकों के निजीकरण की योजना के कार्यान्वयन के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर करेंगे काम : सीतारमण

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह जो बजट पेश हुआ उसमें सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। इसे लेकर बैंक यूनियनों ने विरोध किया। प्रस्ताव के बारे में सीतारमण ने कहा कि।

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 08:22 AM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 02:07 PM (IST)
बैंकों के निजीकरण की योजना के कार्यान्वयन के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर करेंगे काम : सीतारमण
Govt to work with RBI for execution of bank privatisation plan Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार बजट में घोषित बैंक निजीकरण योजना के कार्यान्वयन के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बैंकों में अपनी हिस्सेदारी के मैनेजमेंट के लिए कोई बैंक निवेश कंपनी के गठन की योजना नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह जो बजट पेश हुआ उसमें सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। इसे लेकर बैंक यूनियनों ने विरोध किया। प्रस्ताव के बारे में सीतारमण ने कहा कि हम आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए विस्तृत प्रक्रिया पर काम चल रहा है। हालांकि, किस या किन बैंकों को बिक्री के लिये चुना जा रहा है सीतारमण ने ये बताने से इनकार कर दिया। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब सरकार इसके लिए तैयार होगी तो हम आपको बता देंगे। 

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बैड बैंक के बारे में बताते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) के लिए कुछ गारंटी देनी पड़ सकती है। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस समाधान को बैंकों ने ही पेश किया है और वही इसकी अगुवाई भी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक धीरे-धीरे जोखिम से बाहर निकल रहे हैं।वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां पहले के खराब प्रबंधन की विरासत हैं। उन्होंने कहा, ऐसी कोई चर्चा नहीं है। मुझे नहीं मालूम यह बात कहां से आ रही है। मैं इस पर चर्चा नहीं कर रही हूं। कम से कम यह मेरे सामने नहीं है। 

सीतारमण ने कहा कि अब नयी दिल्ली से मदद नहीं मांगी जा रही है न ही फोन बैंकिंग किया जा रहा है। बैंक निवेश कंपनी पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री ने बैंकों को पेशेवर बनाने पर जोर दिया और कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है। 

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