सरकार ने नोटिफाई किया नया एनुअल जीएसटी रिटर्न फॉर्म

एनुअल रिटर्न फॉर्म में कारोबारियों को सेल्स एवं परचेज की कंसॉलिडेटेड डिटेल्स और वित्त वर्ष 2017-18 में मिले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लाभ का संकलित ब्योरा देना होगा

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 11:10 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jan 2019 12:42 PM (IST)
सरकार ने नोटिफाई किया नया एनुअल जीएसटी रिटर्न फॉर्म
सरकार ने नोटिफाई किया नया एनुअल जीएसटी रिटर्न फॉर्म

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने नए एनुअल जीएसटी रिटर्न फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत रजिस्टर्ड कारोबारियों को 30 जून 2019 से इस नए फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा।

एनुअल रिटर्न फॉर्म में कारोबारियों को सेल्स एवं परचेज की कंसॉलिडेटेड डिटेल्स और वित्त वर्ष 2017-18 में मिले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लाभ का संकलित ब्योरा देना होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज और कस्टम्स (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने 31 दिसंबर 2018 को GSTR-9, GSTR-9A और GSTR-9C फॉर्म को नोटिफाइ किया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि GSTR-9 सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए एनुअल रिटर्न फॉर्म है। वहीं GSTR-9A कंपोजिट टैक्सपेयर्स के लिए है जबकि GSTR-9C एक रीकंसीलेशन स्टेटमेंट है। ट्रेड और इंडस्ट्रियल बॉडीज ने जीएसटी के उन एनुअल रिटर्न फॉर्म्स की फाइलिंग के संबंध में कई आपत्तियां जाहिर की थीं, जिन्हें बीते साल सितंबर में नोटिफाई किया गया था।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन ने कहा, "यह निराशा की बात है कि इनमें सिर्फ मामूली संशोधन किए गए हैं और अन्य सभी मांगों को खारिज कर दिया गया। उद्योग की प्राथमिक मांगों में इनपुट्स, इनपुट सेवा और पूंजीगत वस्तुओं को अलग किया जाना था, जिसे स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया।" 

शुरुआती तौर पर एनुअल रिटर्न फॉर्म की ड्यू डेट 31 दिसंबर 2018 निर्धारित की गई थी। इंडस्ट्री की चिंताओं पर गौर करते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया।

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