महंगाई भड़काने वालों पर कसेगा शिकंजा

सरकार का खाद्य प्रबंधन बुरी तरह फेल हो चुका है। खुद खाद्य मंत्री थॉमस मानते हैं कि राशन प्रणाली से गेहूं चोरी होकर फ्लोर मिलों में पहुंच जाता है। ऐसा नहीं होता तो बंपर पैदावार और गोदामों में भारी स्टॉक होने के बावजूद खाद्य वस्तुओं की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच जातीं। बहरहाल, सरकार ने इसकी जांच कराने का फैसल

By Edited By: Publish:Wed, 25 Sep 2013 09:47 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
महंगाई भड़काने वालों पर कसेगा शिकंजा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकार का खाद्य प्रबंधन बुरी तरह फेल हो चुका है। खुद खाद्य मंत्री थॉमस मानते हैं कि राशन प्रणाली से गेहूं चोरी होकर फ्लोर मिलों में पहुंच जाता है। ऐसा नहीं होता तो बंपर पैदावार और गोदामों में भारी स्टॉक होने के बावजूद खाद्य वस्तुओं की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच जातीं। बहरहाल, सरकार ने इसकी जांच कराने का फैसला किया है।

खुले बाजार में सरकारी हस्तक्षेप की योजना को थोक व्यापारियों व फ्लोर मिलों ने ठेंगा दिखा दिया है। बिक्री के लिए आवंटित एक करोड़ टन अनाज में से उन्होंने मुट्ठी भर अनाज भी नहीं उठाया। खाद्य मंत्री ने तल्खी भरे लहजे में कहा कि राशन प्रणाली से 40 फीसद तक चोरी होने वाला अनाज इन्हीं फ्लोर मिलों में जाता है।

इस साल अगस्त में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 18.18 फीसद के ऊंचे स्तर पर रही, जबकि अन्य सेक्टर में सिर्फ 6.1 फीसद। थॉमस के मुताबिक, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ने से महंगाई बढ़ती है, लेकिन इस समय की महंगाई अस्वाभाविक है। बाजार में एक करोड़ टन अनाज 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचने का फैसला हुआ था, लेकिन बड़ी खपत वाली आटा मिलों का समर्थन नहीं मिला है।

फ्लोर मिल मालिकों को हिदायत देते हुए थॉमस ने कहा कि राशन प्रणाली में सेंध लगाने वालों को हतोत्साहित करना चाहिए। ऐसी गतिविधियों में लिप्त रहने वालों से दूर रहना चाहिए। थॉमस फ्लोर मिल मालिकों के एक समारोह में बोल रहे थे।उन्होंने बताया कि खुले बाजार में बिक्री योजना (ओएमएसएस) के लिए गेहूं व चावल के मूल्य निर्धारण की संशोधित प्रक्रिया को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए मंत्रियों का समूह बनेगा जो हर पखवाड़े मूल्य तय करेगा। इससे खाद्य मंत्रालय को हर बार कैबिनेट में जाने की जरूरत नहीं होगी।

खाद्यान्न की महंगाई पर हैरानी जताते हुए थॉमस ने कहा कि जब गोदामों में भारी स्टॉक जमा हो, तब मूल्य बढ़ने का औचित्य समझ से परे है। इसकी जांच कराई जाएगी। प्रति किलो गेहूं पर 16 रुपये और चावल पर 24 रुपये की भारी सब्सिडी होने की वजह से लीकेज की समस्या गंभीर है। परोक्ष रूप से फ्लोर मिलों पर आरोप मढ़ते हुए थॉमस ने उन्हें सख्त हिदायत दे डाली कि ऐसी गतिविधियों से परहेज करें।

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