Fiscal Deficit: फरवरी के अंत तक राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 86.5 प्रतिशत पर

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 22.45 लाख करोड़ रुपये रही हैं। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान का 81.5 प्रतिशत है। केंद्र द्वारा किया गया कुल व्यय 37.47 लाख करोड़ रुपये रहा जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 83.4 प्रतिशत है। सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

By AgencyEdited By: Praveen Prasad Singh Publish:Thu, 28 Mar 2024 07:15 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 07:15 PM (IST)
Fiscal Deficit: फरवरी के अंत तक राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 86.5 प्रतिशत पर
सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व का अंतर बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (आरई) का 82.8 प्रतिशत रहा था। चालू वित्त वर्ष (2023-24) में राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 22.45 लाख करोड़ रुपये रही हैं। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान का 81.5 प्रतिशत है। केंद्र द्वारा किया गया कुल व्यय 37.47 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 83.4 प्रतिशत है। सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

वित्तीय वर्ष के पहले 11 महीनों में, सरकारी पूंजीगत व्यय या भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खर्च 8.06 ट्रिलियन रुपये या वार्षिक लक्ष्य का 85% था, जो कि एक साल पहले की अवधि में 5.90 ट्रिलियन रुपये से अधिक था।

भारत ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 10 आधार अंक कम करके सकल घरेलू उत्पाद का 5.8% कर दिया है, अगले वित्तीय वर्ष में इसे और घटाकर 5.1% करने का लक्ष्य है।

 

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