देश में तेजी से बढ़ेगी धनकुबेरों की आबादी

दस लाख डॉलर यानी करीब 6.2 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति रखने वाले अमीरों की संख्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। चीन, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, जापान जैसे कुछ गिने-चुने देशों को छोड़ दें तो दुनिया के अन्य किसी भी मुल्क में धनकुबेरों की संख्या इतनी रफ्तार से नहीं बढ़ रही है जितनी भारत में। प्रमुख ग्लोबल बैंक क्रेडिट स

By Edited By: Publish:Thu, 10 Oct 2013 09:35 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
देश में तेजी से बढ़ेगी धनकुबेरों की आबादी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दस लाख डॉलर यानी करीब 6.2 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति रखने वाले अमीरों की संख्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। चीन, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, जापान जैसे कुछ गिने-चुने देशों को छोड़ दें तो दुनिया के अन्य किसी भी मुल्क में धनकुबेरों की संख्या इतनी रफ्तार से नहीं बढ़ रही है जितनी भारत में। प्रमुख ग्लोबल बैंक क्रेडिट सुइस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 तक 30.2 लाख भारतीयों के पास 10 लाख डॉलर यानी 6.2 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होगी। यह संख्या आज की तुलना में 66 फीसद ज्यादा होगी।

दुनिया भर की तमाम एजेंसियां भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट आने की बात कह रही हैं। इसके उलट यह रिपोर्ट बताती है कि अगले चार वर्षो तक भारतीयों की औसत संपत्ति में सालाना 9.3 फीसद की वृद्धि होगी। पिछले 13 ंवर्षो के दौरान भारतीयों की संपत्ति में औसतन 8 फीसद की वृद्धि हुई है। यह भी ध्यान रखने योग्य बात है कि उक्त संपत्तियों का आकलन डॉलर में किया गया है। वर्ष 2000 में एक भारतीय की औसत संपत्ति 2,036 डॉलर थी। यह वर्ष 2013 में बढ़ कर 4,700 डॉलर हो चुकी है। वर्ष 2018 तक सालाना 9.3 फीसद की औसत सालाना वृद्धि के साथ यह 6,600 डॉलर हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार काम करने वाली आबादी की संख्या तेजी से बढ़ने की वजह से भारतीयों की संपत्ति बढ़ी है। अगर वर्ष 2008 का वैश्विक संकट व रुपये की कमजोर स्थिति नहीं हुई होती तो भारत में संपत्ति निर्माण की गति और तेज होती।

अमीरी और गरीबी की तस्वीर

रिपोर्ट में भारत की तस्वीर एक ऐसे देश की पेश की गई है, जिस पर कर्ज तो बढ़ रहा है। लेकिन धनकुबेरों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट ने इस तथ्य को भी स्वीकार किया है कि भारत में अमीरों और गरीबों के बीच का फासला बढ़ा है। देश में अमीरों की संख्या (दस लाख डॉलर से ज्यादा संपत्ति) बढ़ने की रफ्तार चीन के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है। इसके उलट यह भी हकीकत है कि भारत की 94 फीसद आबादी के पास 10,000 डॉलर (लगभग 6.20 लाख रुपये) से कम की संपत्ति है।

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