वर्ष 2018 में डिजिटल कारोबार के 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद: रिपोर्ट

अन्य ऑनलाइन सेवा बाजार की बात करें तो इसमें मनोरंजन, ऑनलाइन किराना और ऑनलाइन खाद्य वितरण 6,060 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 11:22 AM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 03:00 PM (IST)
वर्ष 2018 में डिजिटल कारोबार के 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद: रिपोर्ट
वर्ष 2018 में डिजिटल कारोबार के 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद: रिपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में डिजिटल व्यापार के दिसंबर 2018 के अंत तक 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 से 2017 के बीच डिजिटल व्यापार साल दर साल 34 फीसद की दर से बढ़ा। दिसंबर 2017 को समाप्त वर्ष में 2.04 लाख करोड़ रुपये था।

डिजिटल कॉमर्स रिपोर्ट 2017 के अनुसार ऑनलाइन ट्रैवल इंडस्ट्री में भी लगातार वृद्धि देखी गई है और इसने 54 फीसद की ग्रोथ की है। यात्रा श्रेणी के भीतर, घरेलू हवाई टिकट और रेलवे बुकिंग शीर्ष योगदानकर्ताओं में रहे हैं, जबकि बस/कैब बुकिंग का योगदान 5,174 करोड़ रुपये का है। इस रिपोर्ट को इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और आईएमआरबी कंटार ने प्रकाशित किया है।

वहीं, गैर-यात्रा में ई-टेल का योगदान 73,845 करोड़ रुपये का है, जिसके बाद उपयोगिता सेवाओं का योगदान 10,201 करोड़ रुपये और शादी-विवाह और वर्गीकृत का योगदान 3,689 करोड़ रुपये का है।

अन्य ऑनलाइन सेवा बाजार की बात करें तो इसमें मनोरंजन, ऑनलाइन किराना और ऑनलाइन खाद्य वितरण 6,060 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑनलाइन किराने की डिलीवरी इस सेगमेंट में 2,200 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य के साथ शीर्ष योगदानकर्ता है। जिसे दिसंबर 2018 में 7,800 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2017 में शहरी भारत में 29.5 करोड़ लोग ऑनलाइन थे। साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के मूल्य में तेज गिरावट के साथ ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या और ऑनलाइन गतिविधि और जुड़ाव के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि इंटरनेट के विकास से ऑनलाइन कारोबार के कई अवसर तैयार किए हैं जिससे डिजिटल शॉपिंग में वृद्धि देखी गई है। हालांकि खरीदारी का पारंपरिक तरीका अभी भी मजबूत है। 

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