SAIL के चेयरमैन ने कहा, कोविड की वजह से कई संभावनाओं के द्वार भी खुले

SAIL के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि कोविड-19 की वजह से उनकी कंपनी का उत्पादन अभी घटा है लेकिन इसने कई बड़ी संभावनाओं के द्वार भी खोल दिए हैं।

By Manish MishraEdited By: Publish:Tue, 19 May 2020 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 06:33 PM (IST)
SAIL के चेयरमैन ने कहा, कोविड की वजह से कई संभावनाओं के द्वार भी खुले
SAIL के चेयरमैन ने कहा, कोविड की वजह से कई संभावनाओं के द्वार भी खुले

कोरोना महामारी ने भारत के साथ ही दुनियाभर की आर्थिक रफ्तार रोक दी है। अब जगजाहिर हो चुका है कि इसका स्वास्थ्य से ज्यादा असर आर्थिक क्षेत्र पर पड़ेगा। देश के प्रमुख सरकारी उपक्रम और स्टील निर्माता कंपनी सेल लिमिटेड के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन से विस्तृत बातचीत में बताया कि कोविड-19 की वजह से उनकी कंपनी का उत्पादन अभी घटा है, लेकिन इसने कई बड़ी संभावनाओं के द्वार भी खोल दिए हैं। निर्यात के कई नए बाजार सामने आए हैं। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश :

कोविड-19 ने सेल के उत्पादन पर क्या असर डाला है और अभी क्या स्थिति है?

लॉकडाउन की घोषणा से पहले यानी 23 मार्च को हमें इसके बारे में अनुमान हो गया था। उसी दिन हमने बैठक की और लॉकडाउन के समय के लिए मोटे तौर पर एक रणनीति का खाका खींच लिया था। इसके बावजूद मार्च में हमारे सभी सेल के प्लांट का उत्पादन संयुक्त तौर पर 52 फीसद रहा था। लॉकडाउन में ही 20-21 अप्रैल के बाद कुछ मांग भी बढ़नी शुरू हुई। लिहाजा हमारा उत्पादन 50 फीसद के करीब रहा। मई, में भी तक उत्पादन 45 फीसद है। जहां तक मांग की बात है तो वह निश्चित तौर पर कम हुई लेकिन इसमें वृद्धि के संकेत मिलने लगे हैं। विदेश से मांग आने लगी है तो दूसरी ओर घरेलू बाजार खुलने लगे हैं, जिससे तैयार इस्पात उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है। फिर, सरकार की तरफ से घोषित आर्थिक पैकेज का भी मांग पर असर होगा। जून में हम पिछले वर्ष इसी महीने के मुकाबले 80 फीसद तक बिक्री करने लगेंगे। देश में जल्द ही स्टील की भारी मांग आने वाली है। पूरे साल के उत्पादन लक्ष्यों को लेकर हम अभी अडिग हैं।

लेकिन बाजार तो स्टील की मांग में बड़ी गिरावट की बात कर रहा है। आपकी इस सकारात्मक सोच के पीछे क्या वजहें हैं?

मैं पूरी तरह से सोचने-समझने व बाजार की रंगत देखने के बाद आपको कह रहा हूं कि स्टील की मांग में तेज वृद्धि होगी। कोविड-19 ने हमारे सामने चुनौती दी है लेकिन इससे कुछ अवसर भी निकल आए हैं। जैसे, चीन का उदाहरण लीजिए। किसी ने नहीं सोचा था कि दो महीने पहले कोविड-19 महामारी से त्रस्त इस देश में स्टील की मांग इतनी ज्यादा होगी। चीन में स्टील की भारी मांग आ चुकी है और हमें भी उसका ऑर्डर मिल रहा है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई और अफ्रीकी देशों से हमें काफी मांग आ रही है। बड़ी इकोनॉमी वाले देशों में उत्पादन बंद है या वहां की फैक्ट्रियां अपनी क्षमता का महज 50 फीसद तक ही उत्पादन कर रही हैं। सामान्य हालात में इनका ऑर्डर हमें नहीं मिलता। इन देशों से हमने अप्रैल में चार लाख टन निर्यात का ऑर्डर बुक किया है। दो लाख टन का ऑर्डर जल्द ही जाने वाला है। जुलाई से होने वाली आपूर्ति की तैयारी में हम जुटे हैं। कुछ समस्या हल्दिया व पारादीप पोर्ट के व्यस्त होने से आ रही है, तो हमने विशाखापत्तनम पोर्ट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। नेपाल से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं। यह हमारा पुराना बाजार है। मैं स्वयं उद्योग जगत के साथ लगातार संपर्क में हूं। फिक्की स्टील कमेटी का अध्यक्ष होने की वजह से दूसरे सेक्टर के उद्यमियों के साथ भी संपर्क में हूं। उनके फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि चीन की तरह भारत के घरेलू बाजार से भी बड़ी मांग निकलेगी।

सरकार की तरफ से अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए जो पैकेज घोषित किए गए हैं, उसका स्टील उद्योग पर क्या असर पड़ेगा?

देखिए, यह पैकेज कई तरह से देश में स्टील उद्योग पर सकारात्मक असर डालेगा। सबसे पहले जो मदद छोटे व मझोले उद्योगों को मिलेगी, वह पूरी इकोनॉमी को बूस्ट करेगी। देश की जीडीपी का 29 फीसद एमएसएमई का है। इनमें स्टील की मांग बढ़ेगी। कृषि सेक्टर के लिए जो कदम उठाए गए हैं, वे भी अंतत: इस्पात की मांग को बढ़ाएंगे जिसका फायदा स्टील कंपनियों को होगा। सितंबर के आसपास का समय आमतौर पर कम मांग वाला होता है लेकिन इस बार यह परंपरा भी टूटेगी। हमें सब कुछ सरकार पर नहीं छोड़ना चाहिए। आप देखिए, अभी सरकार के राजस्व की क्या स्थिति है। ऐसे में खर्चे बढ़ाने को लेकर सीमित अवसर हैं। हम यह बात समझनी चाहिए और एक कंपनी या देश के नागरिक होने के नाते इस मंदी से लड़ने में हम क्या मदद कर सकते हैं, इस बारे में कदम उठाने चाहिए।

कोविड-19 ने जो हालात बनाए हैं, उसे देखते हुए क्या आपकी कंपनी अपनी रणनीति को लेकर पुनíवचार कर रही है?

मैंने पहले ही कहा कि कोविड-19 ने हमारे लिए कई तरह की नई संभावनाओं के द्वार भी खोलने का काम किया है। अगर आप विस्तार संबंधी योजना या उत्पादन सबंधी प्लानिंग के बारे में पूछ रहे हैं तो मेरा यह जवाब है कि इन्हें कम करने या टालने की हमारी कोई योजना नहीं है। हमारी कोर टीम के बीच यह सहमति बनी है कि कोरोना से हमारे उत्पादन पर सिर्फ डेढ़ महीने का असर पड़ा है। अभी भी 10 महीने से ज्यादा का समय है और इसकी भरपाई हम कर सकते हैं। स्टील उत्पादन के लक्ष्य में हम कोई कटौती नहीं कर रहे हैं। दो महीने के लिए अगर कारोबार प्रभावित हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं कि हम पूरी रणनीति में बदलाव करें। हां, इस दौरान हमने बहुत कुछ बातें सीखी भी हैं। मसलन, लागत नियंत्रण को लेकर या तकनीकी अपनाने को लेकर जो कदम बाद में उठाने वाले थे उसे अभी लागू कर रहे हैं। स्टील उत्पादन में फिक्स्ड कॉस्ट का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। हमने तीन महीने में औसतन 50 फीसद उत्पादन किया है, लेकिन लागत भी बढ़ने नहीं दी है। यह बताता है कि हमारी तैयारी किस स्तर की है।

कोविड-19 के दौरान तमाम बंदिशों के बावजूद सेल जैसी बड़ी कंपनी ने कामकाज सामान्य रखने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

यह तैयारी कई स्तरों पर हुई है और अभी तक चल रही है। मेरा मानना है कि अभी निकट भविष्य में हमें कोविड-19 के साथ ही चलना होगा। हमारी कार्यप्रणाली में इससे निपटने व इससे बचने के उपायों को शामिल करना होगा। इस दिशा में हमारा काम चल रहा है। हम अपने ग्राहकों व कर्मचारियों के साथ लगातार संपर्क बनाकर रखे हुए हैं जो इस समय सबसे महत्वपूर्ण है। कोविड-19 की शुरुआत में ही हमने देश के अपने 50 सबसे बड़े ग्राहकों के साथ संपर्क बनाया और उन्हें बताया कि हमारे पास कितना स्टॉक है, कितना उत्पादन कर रहे हैं और उनकी जरूरतें क्या हैं। इसका विस्तार करते हुए अब हमने देश के चारों क्षेत्रों के बड़े बड़े ग्राहकों के साथ अलग से संवाद स्थापित किया है, ताकि उनकी जरूरतों की जानकारी ली जा सके और आपूर्ति के बारे में विस्तार से बताया जा सके।

अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर अपना नियम बनाया है। ग्राहकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो रहा है। हर कर्मचारी को वेतन देने की खास व्यवस्था की गई। जो लोग प्लांट पर काम कर रहे हैं उन्हें अलग से प्रोत्साहन दिया गया है। हम स्टील कंपनियों के संगठनों व ग्राहकों के साथ भी संपर्क में हैं, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर हालात को बेहतर तरीके से समझा जा सके। पूरी कोशिश यह है कि हम सरकारी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी होने के तौर पर सकारात्मक सोच बनाए रखें ताकि नए माहौल में जब स्टील की बड़ी मांग आए तो उसे पूरा करने के लिए हम एकदम तैयार रहें।

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