Coronavirus: इकोनॉमी को भी लील रहा ये वायरस, Slowdown से निकलने में अब लगेगा और वक्त

Corona Virus Impact इस वायरस के प्रसार के कारण पहले से Slowdown से जूझ रही इकोनॉमी पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sun, 09 Feb 2020 11:39 AM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 01:38 PM (IST)
Coronavirus: इकोनॉमी को भी लील रहा ये वायरस, Slowdown से निकलने में अब लगेगा और वक्त
Coronavirus: इकोनॉमी को भी लील रहा ये वायरस, Slowdown से निकलने में अब लगेगा और वक्त

नई दिल्ली, जेएनएन। दुनियाभर की अर्थव्यवस्था Slowdown की चपेट में है और लोग इससे जल्द निकलने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर असर पड़ना तय है और चीन के लड़खड़ाने से दुनिया पर बड़ा और बुरा असर पड़ेगा। चीन में कोरोना से कुछ वर्ष पहले सामने आए सार्स ने सैंकड़ों लोगों की जान ले ली थी और इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा था।

दुनियाभर की इकोनॉमी में 16 फीसद की हिस्सेदारी

वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन 2003 की सार्स महामारी के वक्त से ही अनिवार्य हिस्सा है। यह विश्व की फैक्ट्री के रूप में विकसित हुआ है और आइफोन जैसे प्रॉडक्ट यहीं से निकलते हैं। साथ ही बहुत सी चीजों की यह मांग पैदा करता है। चीन का दावा है कि उसके पास हजारों-लाखों धनी उपभोक्ता हैं जो लग्जरी उत्पादों, पर्यटन और कारों पर खर्च करते हैं। एक अनुमान के तौर पर 2003 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन की हिस्सेदारी चार फीसद थी, वहीं आज यह करीब 16 फीसद तक पहुंच चुकी है।  

सार्स ने पहुंचाया था नुकसान

सार्स के चलते 8,098 लोग बीमार हुए थे और 774 मारे गए थे। हालांकि चीन के वुहान शहर में कोरोना के सामने आने के बाद से 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दुनिया के करीब 25 देशों के 35 हजार लोग संक्रमण से जूझ रहे हैं। चीनी अधिकारियों ने वुहान के साथ कुछ अन्य शहरों को भी बंद कर दिया है। बावजूद इसके वायरस लगातार फैलता जा रहा है। 

प्रोडक्शन पर ब्रेक

लूनर महीने के दौरान छुट्टी के चलते चीन में कार संयंत्र बंद हैं। इसके बाद वैश्विक कार निर्माता फॉक्सवैगन, टोयोटा, डेमलर, जनरल मोटर्स, रेनों, होंडा और ह्युंडई अपना काम फिर से शुरू करने वाले थे। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक, यह प्रकोप पहली तिमाही में कार निर्माताओं के उत्पादन को 15 फीसद घटा सकता है। टोयोटा ने कहा है कि वह 17 फरवरी तक अपने संयंत्रों को बंद रखेगा। ब्रिटिश ब्रांड बरबरी ने चीन में अपने 64 में से 24 स्टोर्स बंद कर दिए हैं। सबसे ज्यादा खतरा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ रहा है। दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन चिप निर्माता क्वालकॉम ने चेताया है कि कोरोना का प्रकोप मांग में महत्वपूर्ण अनिश्चितता का कारण बन सकता है, आपूर्ति के लिए उत्पादन की आवश्यकता होगी। वहीं हुंडई ऑटो पार्ट्स की कमी से जूझ रहा है। 

उम्मीदों पर टिका विश्वास

विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल जो स्थिति है उससे निपटा जा सकता है। यदि कोरोना वायरस के प्रभावितों की संख्या में कमी आती है और चीन की फैक्टियां फिर से शुरू होती हैं तो इसका असर पहली तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था पर अस्थायी असर डालेगा और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर छोटा सा प्रभाव छोड़ेगा। 

ऐसे लड़ना होगा

चीनी सरकार कोरोना के सामने आने के बाद आर्थिक गिरावट को रोकने के लिए तेजी से आगे बढ़ी है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने इस सप्ताह महत्वपूर्ण ब्याज दर में कटौती की है। साथ ही भारी मात्र में नकदी को बाजारों में उतारा है। नए टैक्स और सब्सिडी की भी घोषणा की है। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि सरकार आने वाले दिनों में अतिरिक्त उपायों की घोषणा कर सकती है। 

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