दुनिया की सिगरेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी ला रही है IPO

सिगरेट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी चाइना नेशनल टोबैको कॉर्प जल्द अपनी अंतरराष्ट्रीय इकाई का आईपीओ लाने जा रही है।

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 04 Jan 2019 10:44 AM (IST) Updated:Fri, 04 Jan 2019 10:44 AM (IST)
दुनिया की सिगरेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी ला रही है IPO
दुनिया की सिगरेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी ला रही है IPO

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सिगरेट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी चाइना नेशनल टोबैको कॉर्प जल्द अपनी अंतरराष्ट्रीय इकाई का आईपीओ लाने जा रही है। कंपनी ने हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में चाइना टोबैको इंटरनेशनल इंक को लिस्ट करने की योजना बनाई है। कंपनी की योजना अपने कारोबार के विस्तार की है जबकि चीनी सरकार पर धूम्रपान रोकने के लिए लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। 

चाइना टोबैको इंटरनेशनल इंक मुख्य रूप से ब्राजील और कनाडा जैसे देशों से तंबाकू के पत्तों की उपलब्धता सुनिश्चित करती है। चाइना नेशनल टोबैको कॉर्प दुनिया में बनने वाली हर दस सिगरेट में से चार सिगरेट बनाती है। यह कंपनी एचएसबीसी होल्डिंग्स और वालमार्ट इंक जैसी कंपनियों से भी अधिक मुनाफा कमाती है। 

हालांकि, कंपनी की अंतरराष्ट्रीय इकाई का कारोबार चीन के कुल तंबाकू कारोबार का छोटा हिस्सा ही है। इसके बावजूद इसका कारोबार दुनिया की पांच अन्य सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों के कुल मार्केट शेयर से अधिक है। कंपनी की लिस्टिंग इस मामले में अनोखी है कि एक तरफ जहां इस सरकारी कंपनी के एकाधिकार का इससे और विस्तार होगा, वहीं चीन में कैंसर और धूम्रपान से जुड़ी हुई अन्य बीमारियों में लगातार हो रहे इजाफे पर भारी चिंता जताई जा रही है। 

चीन दुनिया में तंबाकू का सबसे ज्यादा उपभोग करने के साथ सबसे अधिक उत्पादन करने वाला देश भी है। धूम्रपान आलोचकों का यह भी कहना है कि धूम्रपान से सरकार को कर राजस्व की प्राप्ति हो रही है इसलिए वह इसे रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं कर रही है। पिछले साल चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार से युवाओं में धूम्रपान की बढ़ती लत रोकने के लिए सिगरेट पर अधिक टैक्स लगाने की अपील की थी। 

कंपनी के अंतरराष्ट्रीय कारोबार से सितंबर तक पिछले नौ महीनों में 65.1 करोड़ डॉलर का राजस्व आया जो पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 21 फीसद कम है। इस दौरान इसका कुल प्रॉफिट मार्जिन 5.8 फीसद रहा जो पिछले साल 6.5 फीसद था।

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