इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने घटाई MCLR रेट, कर्ज पर देना होगा कम ब्याज

बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन के एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए MCLR में बदलाव कर क्रमश 6.80 फीसद 7 फीसद और 7.20 फीसद किया है।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 08:24 AM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 10:56 AM (IST)
इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने घटाई MCLR रेट, कर्ज पर देना होगा कम ब्याज
इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने घटाई MCLR रेट, कर्ज पर देना होगा कम ब्याज

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों, Bank of Maharashtra और  Indian Overseas Bank ने कर्ज के लिए अपनी MCLR 0.10 फीसद तक कम कर दी हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अनुसार उसने एक साल और छह माह के कर्ज पर MCLR क्रमश: 7.40 फीसद से घटाकर 7.30 फीसद और 7.30 फीसद से 7.25 फीसद कर दी हैं। बैंक की नयी दरें सोमवार से लागू हैं। 

बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एक दिन के, एक माह और तीन माह के कर्ज के लिए MCLR में बदलाव कर क्रमश: 6.80 फीसद, 7 फीसद और 7.20 फीसद किया है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसने सभी अवधि के कर्जों के लिए MCLR 0.10 फीसद तक कम की है। 

बैंक की एक साल के कर्ज की MCLR 7.55 फीसद (पहले 7.65), तीन माह और छह माह की MCLR घटा कर क्रमश: 7.45 फीसद और 7.55 की गयी है। बैंक की नयी दरें दस सितंबर से प्रभावी होंगी।

हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने खाताधारकों को एक बड़ी राहत दी है। बैंक अब हर 6 महीने में ब्याज दरों की समीक्षा करेगी। पहले यह समय 1 साल का था। SBI अब एक साल का इंतजार किए बिना ब्याज दर में कमी का लाभ उठाएं। SBI ने MCLR रिसेट फ्रीक्वेंसी को 1 साल से घटाकर 6 महीने कर दिया है।

इस फैसले का सीधा फायदा SBI के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को होगा। मालूम हो कि सभी बैंक MCLR की हर साल समीक्षा करती है। इस वजह से कम ब्याज दर होने पर भी ग्राहकों को इसका फायदा लेने के लिए पूरे एक साल इंतजार करना पड़ता है।

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