VVIP लोगों की उड़ानों पर एयर इंडिया का 822 करोड़ बकाया, RTI से खुलासा
सरकारी अधिकारियों द्वारा उधार लिए गए टिकटों के मद में एयरलाइन का 31 मार्च 2019 तक 526.14 करोड़ रुपये बकाया था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नकदी संकट के कारण विनिवेश के मुहाने पर खड़ी एयर इंडिया का अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआइपी) की चार्टर फ्लाइटों पर 822 करोड़ रुपये का बकाया है। एक आरटीआइ के जवाब में यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है। सेवानिवृत्त कॉमोडोर लोकेश बत्रा को बुधवार को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर 2019 तक अतिविशिष्ट लोगों की चार्टर फ्लाइटों पर 822 करोड़ रुपये का बकाया था।
कॉमोडोर बत्रा ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत एयर इंडिया की बकाया राशि के बारे में नवीनतम जानकारी मांगी थी। इसके अलावा राहत एवं बचाव कायरें में विशेष विमानों के प्रयोग के लिए 9.67 करोड़ रुपये तथा विदेशी मेहमानों की फ्लाइटों के मद में 12.65 करोड़ रुपये बकाया हैं।वीवीआइपी चार्टर फ्लाइट के तहत एयर इंडिया राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को विशेष विमान उपलब्ध कराती है। इनके बिलों का भुगतान मंत्रालयों की तरफ से किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि नागर विमानन मंत्रालय ने पांच दिसंबर 2019 को एक जवाब में बताया था कि एयर इंडिया 8,556.35 करोड़ रुपये (अस्थायी) के घाटे में है। पांच फरवरी 2020 को मंत्रालय ने एयर इंडिया के घाटे के कारणों का उल्लेख करते हुए बताया था कि इसके पीछे उच्च ब्याज दर पर कर्ज, प्रतिस्पर्धा (खासकर कम कीमत वाले यात्रीवाहकों से), भारतीय रुपये के कमजोर होने के कारण विनिमय दर प्रभावित होना और उच्च परिचालन लागत बड़ी वजह हैं।
सरकारी अधिकारियों की यात्रा पर भी 526.14 करोड़ रुपये का बकाया
वीवीआइपी चार्टर फ्लाइट ही नहीं सरकारी अधिकारियों की यात्रा पर भी एयर इंडिया की बड़ी राशि भुगतान के लिए लंबित है। सरकारी अधिकारियों द्वारा उधार लिए गए टिकटों के मद में एयरलाइन का 31 मार्च 2019 तक 526.14 करोड़ रुपये बकाया था। इनमें से 236 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिलों का भुगतान तीन साल से भी अधिक समय से लंबित है। एयरलाइंस ने अपने खाते में 'वसूली की उम्मीद नहीं' के मद में करीब 281.82 करोड़ रुपये दर्ज किए हैं।