बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों की कटनी रुकी

नरकटियागंज क्षेत्र में मंगलवार को आंधी और बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से रबी फसलों की काफी क्षति हुई है कुछ पंचायतों में गेहूं की फसल गिर कर बर्बाद हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Apr 2019 12:29 AM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 07:54 AM (IST)
बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों की कटनी रुकी
बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों की कटनी रुकी

बेतिया । नरकटियागंज क्षेत्र में मंगलवार को आंधी और बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से रबी फसलों की काफी क्षति हुई है कुछ पंचायतों में गेहूं की फसल गिर कर बर्बाद हो गई है। आम के दाने भी नष्ट हुए हैं। वहीं गेहूं की फसल, जो पक चुकी थी, उसकी कटनी में अब विलंब होगी। ऐसे किसानों को कटनी के लिए दो से तीन तक इंतजार करना पड़ेगा। गेहूं की बाली में नमी की मौजूदगी हो जाने के चलते, यदि किसान इसकी कटनी करते हैं, तो दानों के काले पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि गन्ना किसानों को थोडी़ राहत मिली है। कल तक बोरिग से गन्ना की सिचाई कर रहे किसानों को आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा था, वहीं आज बारिश से पटवन की समस्या से राहत मिली है। किसान शत्रुघ्न यादव, इस्लाम मियां, मोती सहनी आदि कई ने बताया कि बारिश गन्ना के लिए काफी लाभप्रद साबित हुई है। जबकि इसी बारिश और ओलावृष्टि ने रबी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। कहीं आम के टिकोले झड़ गए हैं। प्रखंड के राजपुर तुमकड़िया, शिकारपुर, सेमरी, परोराहा, सोमगढ़ और भसुरारी समेत कई पंचायतों में जहां अधिक ओलावृष्टि हुई है। वहीं बनवरिया, सुगौली, सेरहवा पंचायत समेत कुछ जगहों पर हल्की ओलावृष्टि से मामूली शादी का अनुमान लगाया जा रहा है। मालदा गांव के किसान संजीव तिवारी, राजू तिवारी, शिकारपुर के राजकुमार यादव का कहना है कि एक माह के भीतर यह तीसरी बार ओलावृष्टि हुई है, जिसमें कई एकड़ गेहूं बर्बाद हो गई है। इधर प्रखंड कृषि पदाधिकारी रवि कुमार सिंह ने बताया कि ओलावृष्टि हुई है। जिन किसानों का नुकसान हुआ है, सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए कृषि समन्वयक और किसान सलाहकारों को निर्देशित किया जा रहा है। वहीं वरीय अधिकारीयों से भी इस दिशा में मार्गदर्शन लिया जा रहा है।

इनसेट

गन्ने की खड़ी फसल को मिला लाभ

गन्ने की खड़ी फसल की जिसकी अब तक कटाई नहीं हुई है, उसे इस बारिश से लाभ हुआ है। अधिक धूम हो जाने से गन्ने का वजन कम हो गया था, इस बारिश से उसकी वजन में इजाफा होगा। यह कहना है कि माधोपुर क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डा. अजित कुमार का। उन्होंने कहा कि इस बारिश से गन्ने की दोनों तरह की फसलों को लाभ हुआ है। एक ओर सिचांई जल की बचत हुई है, तो दूसरी ओर गन्ने का वजन बढ़ा है।

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