एटीएम की तर्ज पर होगी जमा और निकासी

जागरण संवाददाता, हाजीपुर भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को नवीनतम प्रौद्योगिकी आधारित सुविधा

By Edited By: Publish:Sat, 20 Dec 2014 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 20 Dec 2014 11:24 AM (IST)
एटीएम की तर्ज पर होगी जमा और निकासी

जागरण संवाददाता, हाजीपुर

भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को नवीनतम प्रौद्योगिकी आधारित सुविधा देने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। बैंक 2015 तक एटीएम की तरह ही जमा एवं निकासी सुविधा से युक्त चार हजार कैश री-साइकलर्स की स्थापना करने जा रही है। इस तरह एसबीआई बैंक समूह के पास पचास हजार से अधिक एटीएम, सीडीएम एवं री-साइकलर्स का मजबूत और विस्तारित नेटवर्क हो जाएगा।

ग्राहकों को नवीनतम सुविधाओं की जानकारी देने के लिए हाजीपुर में आयोजित तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करते हुए आरबीआई के गर्वनर एचआर खान ने यह जानकारी दी।

टीएलसी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने बताया कि बैंकिंग सेवा में निरंतर सुधार हो रहा है। इस दिशा में एसबीआई मजबूती से अपना कदम बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि एसबीआई की 385 टीएलसीएस में करीब 15000 ग्राहकों के लिए तकनीकी शिक्षण सत्र एवं तकनीकी चैनल के माध्यम से विभिन्न उत्पादों की जानकारी दी जा रही है। ग्राहकों की जानकारी के लिए ग्राहक हेल्प लाइन, उत्पाद ब्रोकर, बैंक बेवसाइट पर सूचना देने के साथ ही प्रत्येक महीने के तृतीय शुक्रवार को अपराह्न चार बजे से छह बजे तक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर बैंक की अध्यक्षा अरुंधती भट्टाचार्य ने बताया कि विभिन्न वैकल्पिक भुगतान माध्यमों से लेन-देन में उल्लेखनीय वृद्धि हुयी है पर अब भी ज्यादातर ग्राहक पुरानी पद्धति से लेन-देन किसी तरह जोखिम से बचने के लिए करते हैं। पुरानी पद्धति से लेन-देन करने में उन्हें समय के साथ शारीरिक-मानसिक रुप से भी परेशान होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि नयी प्रणाली से लेन-देन करना कहीं ज्यादा सुगम है। प्रक्रिया की जानकारी हो तो किसी तरह का भय नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि एटीएम की तरह ही कैश री-साइकलर्स प्रणाली वजूद में आ रही है। इस प्रणाली में जमा के साथ ही निकासी भी हो सकेगी। इसके लिए बैंक शाखा जाने की जरुरत नहीं होगी। एटीएम की तरह ही इस तरह की सेवा जगह-जगह उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में करीब चार हजार री-साइकलर्स स्थापित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि बैंक की आन लाइन पोर्टल एवं मोबाइल अप्लीकेशन को मूल्य वर्धित सेवाओं में शामिल करने के लिए उसे लगातार उन्नत किया जा रहा है। बैंक की ई-बैंकिंग और भुगतान गेटवे मंच द्वारा लगभग चार करोड़ ई-कामर्स लेन-देन प्रतिमाह किए जा रहे हैं यह एसबीआई को इस क्षेत्र में एक अग्रणी बैंक की भूमिका निभाने में बहुत ही मददगार साबित हो रही है। उन्होंने उपस्थित ग्राहकों को बैंकिंग की भरपूर सुविधा का लाभ उठाने के लिए टीएलसीएस का उपयोग करने की अपील की।

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