कोसी के चुनावी समर में क्षत्रपों की अग्निपरीक्षा

भरत कुमार झा सुपौल सूबे की राजनीति में हमेशा से अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने वाले को

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:26 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:05 AM (IST)
कोसी के चुनावी समर में क्षत्रपों की अग्निपरीक्षा
कोसी के चुनावी समर में क्षत्रपों की अग्निपरीक्षा

भरत कुमार झा, सुपौल : सूबे की राजनीति में हमेशा से अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने वाले कोसी क्षेत्र में इसबार चुनावी क्षत्रपों की असल परीक्षा होगी। कांग्रेसी हुकूमत से लेकर आज तक सूबे की राजनीति में कोसी का मजबूत हस्तक्षेप रहा है। इस इलाके से तमाम महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों ने प्रदेश की राजनीति को दिशा दी है। ललित नारायण मिश्र, डॉ. जगन्नाथ मिश्र, रमेश झा, लहटन चौधरी, चौधरी मो. सलाउद्दीन, अमरेंद्र मिश्र, अनूपलाल यादव, विनायक प्रसाद यादव, शंकर टेकरीवाल, विजेंद्र प्रसाद यादव, नरेंद्र प्रसाद यादव, दिनेश चंद्र यादव आदि ऐसे ही राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने राज्य की दिशा तय की है। कोसी की बात हो और आनंद मोहन एवं राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की चर्चा नहीं हो तो बात अधूरी रह जाती है। इन दोनों नामों ने कोसी सहित प्रदेश की राजनीति को हमेशा प्रभावित किया है। वर्तमान राजनीति में भी दोनों अलग-अलग ध्रुव माने जाते हैं। एक जमाने में कांग्रेस सबसे अधिक मजबूत हुआ करती थी और अन्य सभी दलों का इसी के साथ सीधा मुकाबला हुआ करता था। यह वर्चस्व टूटा और फिर राजनीति ने करवट ली। जदयू भाजपा का गठजोड़ हुआ और राजद से लड़ाई ठनी। हालांकि 2015 के चुनाव में गणित बदल गया। राजद जदयू का साथ हुआ था और भाजपा अलग मैदान में थी लेकिन इस चुनाव फिर बेतलवा उसी डाल पर है। जदयू-भाजपा का गठबंधन है और सामने कांग्रेस राजद गठबंधन जबकि लोजपा अलग ताल ठोक रही है। ऐसे में कोसी में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है।

लगातार छह बार सुपौल विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके विजेंद्र प्रसाद यादव यहां जदयू के एक मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते ही जदयू सत्ता में काबिज हुई थी। विगत दो चुनाव में सुपौल जिले की पांच विधानसभा की सीटों पर जदयू का ही कब्जा रहा। अभी कोसी की 13 सीटों में आठ पर जदयू, चार पर राजद और एक पर भाजपा का कब्जा है। इस चुनाव कोसी क्षेत्र की 13 विधानसभा सीटों के लिए 10 पर जदयू लड़ रही है, दो पर भाजपा और एक पर वीआइपी। जबकि राजद कांग्रेस गठबंधन के तहत 10 पर राजद और तीन पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे में यहां अपनी प्रतिष्ठा बचाना सबके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। पूर्व सांसद सह जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने सूबे में नए समीकरण के तहत सत्ता परिवर्तन के लिए फिलहाल एड़ी चोटी एक कर दी है। कोसी के गिने-चुने दिग्गज उनके सीधे टारगेट पर हैं। वे खुद मधेपुरा की सीट से मैदान में उतर चुके हैं। वहीं कोसी सहित सूबे की राजनीति में हमेशा से मजबूत दखल देने वाले आनंद मोहन के स्वजनों एवं समर्थकों ने राजद का दामन थाम लिया है और फिलहाल परिवर्तन की धारा में शामिल हो गए हैं। उनकी धर्मपत्नी लवली आनंद राजद के टिकट पर सहरसा से मैदान में उतर चुकी हैं। लोजपा सांसद महबूब अली कैसर व उनके परिवार का इलाके में मजबूत राजनीतिक पकड़ रही है। इस चुनाव उनका पुत्र राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में है। जो उनके लिए शायद किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। वहीं से वीआइपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी भी चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इधर भाजपा के एक बड़े योद्धा के रूप में नीरज कुमार सिंह बबलू छातापुर से फिर मैदान में डटे हैं। पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार इसबार राजद का दामन थामते अपनी पुरानी और पुस्तैनी सीट से मैदान में हैं। एक से एक क्षत्रप चुनावी समर में मौजूद हैं तो कई पर्दे के पीछे। ऐसे में कोसी के सूरवीरों के लिए यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं।

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