तंबाकू छुड़ाने से अधिक बच्चों को न लगे इसकी लत का इसका प्रयास जरूरी: डीएम

नौकरी मामले में आज देश मंदी के दौर से गुजर रहा है। निजी सेक्टरों में काम कर रहे करीब नब्बे लाख लोगों की नौकरी चली गई है। बिहार में विकास की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। नीतीश सरकार दबाव में काम करने को मजबूर है। सरकार की स्थिति ऐसी है कि वे चाहकर भी बलात्कार हत्या डकैती जैसे जघन्य अपराध पर लगाम नहीं लगा पा रही है। उक्त बातें कांग्रेस नेत्री सह पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 06:26 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 06:26 PM (IST)
तंबाकू छुड़ाने से अधिक बच्चों को न लगे इसकी लत का इसका प्रयास जरूरी: डीएम
तंबाकू छुड़ाने से अधिक बच्चों को न लगे इसकी लत का इसका प्रयास जरूरी: डीएम

जागरण संवाददाता, सुपौल: जिला को तम्बाकू मुक्त जिला घोषित करने को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में जिला स्वास्थ्य समिति एवं सीड्स के सौजन्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों को तम्बाकू के सेवन से बचाना जरूरी है। तम्बाकू छुड़ाने से अधिक बच्चों को तम्बाकू की आदत न लगे इसको लेकर प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि सुपौल जिले में कोटपा अधिनियम के तहत प्रचार-प्रसार का कार्य किया गया है। सार्वजनिक स्थानों एवं कार्यालयों में होर्डिंग एवं दीवाल लेखन कराया गया है। समय-समय पर छापामार दस्ता के द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार पकड़े जाने पर चलान काट कर जुर्माने की राशि भी वसूल की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी समन्वय बना कर इस दिशा में अच्छा कार्य करें। ताकि सुपौल जिला इस कार्यक्रम में बिहार नहीं बल्कि पूरे भारत में नाम कमाएं। कार्यशाला को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों को रेखांकित करते कहा कि तम्बाकू से प्रत्येक वर्ष लाखों लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। तम्बाकू जानलेवा है और लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कहा कि कोटपा अधिनियम के प्रावधानों को जिले में लागू करने हेतु पुलिस के द्वारा पूरी तरह से सहयोग किया जाएगा। जिला तम्बाकू नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी प्रखंडों में तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुख्यालय के पास पर्याप्त मात्रा में चलान उपलब्ध करा दिया गया है। सीड्स के प्रतिनिधि के द्वारा कोटपा अधिनियम की विस्तार पूर्वक चर्चा की गई तथा अधिनियम से अधिकारियों को अवगत कराया गया। कार्यशाला में डीडीसी, सीएस, निदेशक जिला ग्रामीण अभिकरण सुपौल, जिला तम्बाकू नियंत्रण पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, डीपीएम जिला स्वास्थ्य समिति, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, थानाध्यक्ष आदि मौजूद थे।

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