प्रधानमंत्री ने मांगों पर नहीं लिया संज्ञान

सुपौल। भारतीय विधिज्ञ परिषद के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जिला विधिज्ञ संघ द्व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 01:29 AM (IST) Updated:Tue, 12 Feb 2019 01:29 AM (IST)
प्रधानमंत्री ने मांगों पर नहीं लिया संज्ञान
प्रधानमंत्री ने मांगों पर नहीं लिया संज्ञान

सुपौल। भारतीय विधिज्ञ परिषद के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जिला विधिज्ञ संघ द्वारा व्यवहार न्यायालय परिसर से समाहरणालय पैदल यात्रा निकालकर जिलाधिकारी सुपौल को 10 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए संघ के जिला अध्यक्ष जगदीश मंडल तथा सचिव सुधीर कुमार झा ने कहा कि पिछले दिनों बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अमन कुमार मिश्र द्वारा 10 सूत्री अधिवक्ता कल्याण संबंधी मांगों का एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा गया था। सौंपे गए मांग पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा आज तक संज्ञान नहीं लिया गया। जिसके बाद संघ द्वारा यह निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता कल्याण संबंधी मांगों को संकल्पित कराने के लिए उसकी एक प्रति जनप्रतिनिधि, जिला जज, एवं जिला पदाधिकारी को सौंपा जाए। ताकि अधिवक्ता कल्याण से संबंधित मांगों पर विचार किया जा सके। आंदोलन की अगली कड़ी में 12 फरवरी को राज्य के सभी अधिवक्ता राजभवन मार्च कर राज्यपाल को मांग पत्र सौंपेंगे। काफी संख्या में अधिवक्ताओं ने अपनी भागीदारी दी। मुख्य मांगें

-देश के सभी वकीलों के लिए न्यायालय परिसर में ही अधिवक्ता संघ भवन उपलब्ध कराई जाए साथ ही साथ वकीलों मुव्वकिलों को बैठने की समुचित व्यवस्था पुस्तकालय, शौचालय, मुफ्त इंटरनेट तथा उचित मूल्य पर खाने पीने की चीज वाली कैंटीन की व्यवस्था की जाए।

-नए जरूरतमंद वकीलों को पांच वर्ष तक 10000 प्रतिमाह दिए जाए। सभी अधिवक्ता और उनके परिवार के जीवन बीमा और, असामयिक मृत्यु पर 50 लाख अनुदान के साथ-साथ वकील व उनके परिजनों को किसी भी बीमारी की स्थिति में बेहतर मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाए। सभी अक्षम एवं वृद्ध वकीलों के लिए पेंशन तथा पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था की जाए। लोक अदालत कार्यों से न्यायिक पदाधिकारियों व न्यायाधीशों को दूर रखते हुए यह कार्य वकीलों के जिम्मे सौंपा जाए। जरूरतमंद वकीलों को उचित मूल्य पर गृह निर्माण हेतु भूखंड की व्यवस्था की जाए। सभी ट्रिब्यूनलस,कमीशन आदि में वकीलों की हो बहाली।

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