विकास का झूठा ढोल, अब खुल रही पोल

सुपौल। प्रखंड के लालगंज पंचायत स्थित पड़ियाही ग्राम वासियों को नदियों पर पारगमन एवं सड़क मार्ग की भीषण

By Edited By: Publish:Wed, 04 May 2016 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 04 May 2016 07:48 PM (IST)
विकास का झूठा ढोल, अब खुल रही पोल

सुपौल। प्रखंड के लालगंज पंचायत स्थित पड़ियाही ग्राम वासियों को नदियों पर पारगमन एवं सड़क मार्ग की भीषण समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। वहीं निकटतम बाजार प्रतापगंज आवागमन के लिए पड़ियाही -तेकुना पथ में दो स्थानों पर बास चचरी के सहारे सशुल्क आवागमन बहाल है। कुसहा त्रासदी के कारण जर्जर कच्ची इस सड़क की स्थिति ऐसी है कि कई स्थानों पर मात्र दुपहिया वाहन निकल सकने भर की जगह बची है। बावजूद इसके सैकड़ों की संख्या में लोग हाट बाजार करने के लिए इस पथ से प्रतापगंज तक पथगमन करते आ रहे हैं। पुल पुलिया व सड़क मार्ग सहित बिजली के मामले में विपन्न रहे यहा के वासियों के लिए विकास के मायने झूठे साबित हो रहे हैं। एक तो प्रखंड मुख्यालय तक आवागमन करने के लिए यहा के लोगों को गेंडा नदी पर बने लंबे बास चचरी का सहारा है। वहीं प्रतापगंज तक की दूरी नापने के बीच मिरचैया नदी व आगे त्रासदी के दौरान बने सड़क कटिंग पर सशुल्क बास चचरी पार करने की विवशता बनी है। दशकों से टापूनुमा जीवन जीने की विवशता से निजात के लिए कई बार यहा के लोगों ने प्रशासन से गुहार लगायी। फलाफल नहीं निकलने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि तक को स्थलीय निरीक्षण करा भौगोलिक परिस्थिति से अवगत कराने के बावजूद भी निदान नहीं मिलने

पर थक हार कर सैकड़ों की आबादी इसे नियति मान बैठी है। इधर हालात

ऐसे विकट हैं कि छोटे प्राक्कलन का बजट परिस्थिति को अनुकूलता प्रदान

नहीं कर पा रहा है और बड़े बजट के लिए बड़ी कुर्सी के निर्णय की दरकार है।

chat bot
आपका साथी