सांसद के गांव: मन में है विश्वास, पूरी होगी आस

फोटो नंबर-20 एसयूपी-1,2 कैप्सन-गांव की पगडंडी, ये भी है सड़क भरत कुमार झा, सुपौल: आदर्श ग्राम य

By Edited By: Publish:Wed, 20 May 2015 07:11 PM (IST) Updated:Wed, 20 May 2015 07:11 PM (IST)
सांसद के गांव: मन में है विश्वास, पूरी होगी आस

फोटो नंबर-20 एसयूपी-1,2

कैप्सन-गांव की पगडंडी, ये भी है सड़क

भरत कुमार झा, सुपौल:

आदर्श ग्राम योजना के तहत सासद रंजीत रंजन ने कोसी के कोख में बसे सरोजाबेला पंचायत को गोद लिया है। 8 जनवरी 2015 को सांसद ने इस गांव को गोद लिया। जिला प्रशासन की ओर से पहले चरण में बेस लाईन सर्वे का कार्य शुरू कराया गया। सर्वे में 2478 परिवार सामने आये हैं। इन परिवारों के सदस्यों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके आधार पर सभी विभागों को सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं को जमीन पर उतारने का निर्देश जारी कर दिया गया है। विकास योजनाओं के लिये मैपिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

आमसभा के माध्यम से योजनाओं का चयन कर लिया गया है। हालांकि सांसद की अध्यक्षता में योजनाओं का अनुमोदन किया जाना बाकी है। प्रथम चरण में इंदिरा आवास से वंचित लोगों के खाते में राशि डाल दी गई है और विभिन्न योजनाओं के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।

पंचायत के गावों में आज भी बेहतर सड़क की आवश्यकता है। बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पंचायत में ही उप-विधुतकेंद्र का निर्माण कराया गया है। हालांकि इसके बावजूद भी पंचायत के अधिकाश लोग बिजली सेवा से वंचित हैं। कहीं ट्रांसफार्मर जला हुआ है, तो कहीं खराब पड़ा है। शुद्ध पेयजल के लिए एक मिनी जलापूर्ति के तहत पानी टंकी जरूर लगा हुआ है, लेकिन उस पानी टंकी से एक गाव सरोजाबेला के लोग ही लाभान्वित हो रहे हैं। पंचायत में शिक्षा व्यवस्था के लिए प्राथमिक व मध्य विद्यालय मिलाकर कुल आठ विद्यालय हैं, जिसमें से एक आदर्श मध्य विद्यालय सरोजाबेला को प्लस टू का दर्जा मिल गया है लेकिन प्लस टू की पढ़ाई की व्यवस्था अभी तक नही की गई है। विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल व चाहरदिवारी की भी कमी है। कई प्राथमिक विद्यालय भवन के अभाव में झोपड़ी में संचालित होते हैं। स्वास्थ्य सुविधा मुहैया के लिए एक भाड़े के मकान में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं एक उप-स्वास्थ्य केन्द्र है। लेकिन नियमित रूप से चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहते। सांसद द्वारा गोद लिये जाने के बाद लोगों के बीच उम्मीदों की किरण जगी है और उन्हें पूरी आशा है कि उनके गांव का कायाकल्प होगा।

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'आदर्श ग्राम योजना के तहत मकसद ये है कि जो सरकारी योजनाएं चल रही है एक-एक योजनाओं की निगरानी कर हम काम कराएं तो यह एक उदाहरण के रुप में बाहर जाएगा। सड़क, बिजली, पुल, पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य एक से एक बड़ी समस्या है। बेसलाइन सर्वे और मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। जल्द ही योजनाओं का चयन कर संबंधित विभागों को भेज दिया जायेगा। किसानों को सब्सिडी, योजनाओं का लाभ मिले और उत्पाद गांव से बिक जाए यहीं से शुरुआत होगी। पेंशन योजनाओं से वंचित लोगों को अविलम्ब जोड़ा जाएगा। राशन कार्ड, वंचित कूपनधारी को जल्द सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। लोग सजग होंगे गांव आदर्श ग्राम बन जाएगा।'

-रंजीत रंजन

सांसद

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'बेस लाइन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। हमें क्या-क्या करना है ये बातें सामने आ गई। विकास योजनाओं के लिये मैपिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। आम सभा आयोजित कर योजनाओं का चयन भी कर लिया गया है। बस अब सांसद की अध्यक्षता में योजनाओं का अनुमोदन किया जाना है। सभी विभागों को सरकारी योजनाओं को मूर्त रूप देने के सख्त निर्देश जारी कर दिये गये हैं। पहले चरण में वंचित लाभुकों के खाते में राशि उपलब्ध करा दी गई है। शौचालय निर्माण का काम भी गंभीरता से किया जा रहा है। विभिन्न विभागों द्वारा शिविर लगाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।'

-हरिहर प्रसाद

उप-विकास आयुक्त, सुपौल

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'सड़क, पुल, पुलिया, शुद्ध पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पक्की सड़क हर दिशा में पंचायत को विकास की दरकार है। पंचायत में समुचित सिचाईं व्यवस्था की आवश्यकता है। विद्यालय में शिक्षकों की कमी है जिससे पठन-पाठन में काफी दिक्कतें आ रही है। पंचायत को मिली सरकारी योजनाओं के तहत चौतरफा विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आदर्श ग्राम की दिशा में कार्यो को गति दी जा रही है।'

-सुमित्रा देवी

मुखिया

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'सर्वे आदि का कार्य ही अब तक किया जा रहा है। अलग से कोई राशि पंचायत को उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है, जिससे विकास की कोई उम्मीद लगाई जाय। लेकिन सांसद ने इतने गांवों के बीच सरोजाबेला को ही चूना इसीलिये पंचायत के लोग आस लगाये बैठे हैं कि इसका जरूर बेहतर होगा।'

-महावीर प्रसाद मस्तान

पंचायत समिति सदस्य

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कहते हैं लोग

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मोहनलाल यादव कहते हैं कि आदर्श ग्राम की घोषणा सुनकर तो अचानक लगा कि अब पंचायत के दिन बहुरेंगे, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। मो.निजात खान का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत ही विकास के लक्षण दिखने लगे हैं। उम्मीद है कि सांसद द्वारा गोद लिये जाने के बाद अब पंचायत का कायाकल्प हो जायेगा।

नारायण ठाकुर का कहना है कि ये तो गौरव की बात है कि सांसद ग्राम योजना के तहत पहला सौभाग्य मेरे ही पंचायत को प्राप्त हुआ है। कोसी के इस अतिपिछड़ा पंचायत में अब विकास की बड़ी लकीर खींची जायेगी।

संजय कुमार यादव का कहना है कि पंचायत आदर्श तभी कहलाएगा जब यहां किसी को कोई परेशानी न हो। चहुओर विकास हो,रोजगार के अवसर खुलें। छह माह गुजर गये लेकिन अब तक ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

मिश्री लाल यादव का कहना है कि सांसद ने जैसे ही गांव को गोद लेने की घोषणा कि उम्मीदों की किरण जाग उठी। विश्वास है कि पंचायत संपूर्ण जिले में अपनी अलग पहचान बनाएगा। अशेश्वर प्रसाद यादव बतातें है कि धरातल पर विकास की कमी है। शुद्ध पेयजल, शौचालय का निर्माण, सिंचाई के लिए स्टेट बोरिंग की जरूरत है। घोषणा तो हो गई देखें कब तक इसे अमली जामा पहनाया जाता है।

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सरोजा बेला पंचायत एक नजर में

-कुल आबादी - 11,128

-कुल मतदाता - 7000

-पक्का मकान- 490

-कच्चा मकान- 1988

-प्राथमिक विद्यालय- 03

-मध्य विद्यालय- 05

-उच्च विद्यालय- 01

-अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र- 02

-सार्वजनिक शौचालय- 00

-खेती लायक जमीन- 1176 एकड़

-शिक्षक- 32

-डॉक्टर- 01

-वकील- 01

-मुख्य फसल- धान व गेहूं

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जागरण विचार

यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहा है, जिसे मुहैया कराने के लिए बड़े बजट की जरूरत होगी। हालांकि इस योजना की सबसे बड़ी समस्या इसके लिए अलग से धन का प्रावधान नहीं होना है। विकास के लिए केवल योजनाएं बनाने से काम नहीं चलेगा, इनका अनुमोदन भी जल्द होना चाहिए। हालांकि सच यह भी है कि जब तक इसके लिए धन का आवंटन नहीं हो जाता, योजनाओं के अनुमोदन में समस्या आएगी। जब तक सरकार इस योजना के लिए अलग से धन के आवंटन का विचार नहीं करती सांसदों से अपेक्षा है कि वे संसदीय क्षेत्र विकास निधि का उपयोग करें।

सुझाव

1 सभी वर्गो के जीवन की गुणवत्ता के स्तर में सुधार की जरूरत है। यहां के प्लस टूस्कूल में प्लस टू तक की पढ़ाई जल्द शुरू करने की आवश्यकता है।

2 कई प्राथमिकी विद्यालय जो अभी तक झोपड़ियों में चल रहे हैंय, उनके लिए पक्के भवन की व्यवस्था करने की जरूरत है।

3 यहां विकास का ऐसा माडल तैयार किया जाए, जिससे आस-पड़ोस की पंचायतें प्रेरित और प्रोत्साहित होकर इस माडल को सीखने और अपनाने के लिए तैयार हों।

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