पहला मरीज : पैर की टूटी हड्डी के दर्द से परेशान मरीज का किया था इलाज

रांची विश्व विद्यालय से संबंध पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद से  डाक्टरी की पढ़ाई करने के बाद दिया योगदान।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Dec 2018 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 04:50 PM (IST)
पहला मरीज : पैर की टूटी हड्डी के दर्द से परेशान मरीज का किया था इलाज
पहला मरीज : पैर की टूटी हड्डी के दर्द से परेशान मरीज का किया था इलाज

रांची विश्व विद्यालय से संबंध पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज धनबाद से  डाक्टरी की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1980 में सबसे पहले गोरेयाकोठी प्रखंड के भिट्ठी अपने घर लौटा। पिताजी के निर्देश एवं गांव के लोगों की सलाह व स्नेह पर गांव में ही क्लीनिक खोल मरीज देखने का काम शुरू कर दिया। सबसे पहले गांव के ही झगड़ू मांझी नामक एक मरीज को कुछ लोग खाट पर लेकर मेरे पास लाए। मरीज काफी गरीब था। उसके पैर की हड्डी घुटने के नीचे टूट कर बाहर आ गई थी। मरीज को देख पहल मैं घबरा गया। पहले तो मन में आया कि इसे रेफर कर दूं, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति देख इलाज करने की मन में ठान ली। मैंने उक्त मरीज का एक्सरे कराया और ईश्वर का नाम लेकर टूटे हड्डी का ऑपरेशन किया और प्लास्टर किया। उन्होंने बताया कि उसके बाद मेरी पहचान एक सफल हड्डी डॉक्टर के रूप में हो गई। सेवा भाव से मरीजों का आज भी उपचार करना मेरी प्राथमिकता है। वर्तमान में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में भगवानपुर हाट प्राथमिक स्वास्थ्यकेंद्र भगवानपुर में कार्यरत हूं।

डॉ. विभव चंद्र वर्मा,चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भगवानपुर हाट (सिवान)

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