शादी वाले घर में पसरा मातम, पल में छीन गई खुशियां, एक साथ तीन बच्चों की उठी अर्थी

सीतामढ़ी। शहर के मधुबन इलाके में शुक्रवार को बेलगाम ट्रक की तबाही से शादी वाले घर की खुशियां मातम में तब्दील हो गईं। हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:42 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:42 PM (IST)
शादी वाले घर में पसरा मातम, पल में छीन गई खुशियां, एक साथ तीन बच्चों की उठी अर्थी
शादी वाले घर में पसरा मातम, पल में छीन गई खुशियां, एक साथ तीन बच्चों की उठी अर्थी

सीतामढ़ी। शहर के मधुबन इलाके में शुक्रवार को बेलगाम ट्रक की तबाही से शादी वाले घर की खुशियां मातम में तब्दील हो गईं। हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई। जबकि, तीन अन्य जख्मी हो गए। बाराबंकी बस हादसे में दस-दस लोगों की मौत से लोग अभी शोकाकुल ही हैं कि शुक्रवार को एकबार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मधुबन मस्जिद के समीप ओवर लोडेड ट्रक सड़क किनारे शादी समारोह वाले घर में घुसा और पलट गया। जिसमें सभी दब गए। जिस तरह हादसा हुआ उससे और जानें भी जा सकती थीं। एक ही परिवार से तीन बच्चों की एक साथ अर्थी उठी तो पूरा गांव रो पड़ा। हर किसी की आंख से आंसू छलक पड़े। सब यही कह रहे थे कि हे भगवान तूने ये क्या कर डाला। मधुबन गांव निवासी मो. जाकिर अंसारी के के घर में शादी थी। पुत्र की शादी के बाद चौठारी वाले रस्म में सभी रिश्तेदार जुटे थे। वार्ड-16 के वहाब अंसारी के एक पुत्र आबिद की मौत हो गई तो उनका दूसरा पुत्र हामिद जख्मी हो गया। इस घर में शादी समारोह में पटना से आई हफ्शा बेगम भी मौत का शिकार हो गई। मो. जाकिर अंसारी जिनके बेटे की शादी थी उनके भाई का छह माह का दुधमुहा शिशु भी ट्रक की जद में आकर अपनी जान गंवा बैठा। 60 साल के एक बुजुर्ग वार्ड-तीन के जाकिर अंसारी भी गंभीर जख्मी हुए। साबिर अंसारी की एक बच्ची मुर्शरत खातून भी जद में आ गई। नो इंट्री सिर्फ कागजों पर, शहर में दिनभर दौड़ते मालवाहक ट्रक, पुलिस कहीं नहीं रोकती

शहर में ट्रक व अन्य मालवाहक बड़े वाहनों की इंट्री के लिए कहने को तो कड़े नियम बने हैं। मगर, बानगी देख लीजिए। रात 11 से 6 बजे तक ही मालवाहक वाहनों को शहर में प्रवेश करना है। लेकिन, कुछ सड़कों पर दिनभर ट्रक चलते रहते हैं। यह ट्रक भी शहर होते हुए उस इलाके में जा घुसा था। जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया। इसके पहले भी हादसे हुए हैं। पर पुलिस-प्रशासन कार्रवाई नहीं करता। ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह फेल है। पुलिस और प्रशासन की तरफ से कागजी कार्रवाई कर खानापूरी की जा रही है। ट्रकों का अवैध परिचालन रोकने के लिए मुकम्मल इंतजाम नहीं दिखता है। लोकल थाने को रोक लगानी चाहिए।

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