लॉकडाउन में किन्नरों को बधाई बश्खीश पर आफत, ट्रेनों में नाच-गान भी बंद होने से भुखमरी

सीतामढ़ी। लॉकडाउन लागू होने के बाद किन्ररों का दर्द छलक पड़ा है। उनका कहना है कि क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:53 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:53 PM (IST)
लॉकडाउन में किन्नरों को बधाई बश्खीश पर आफत, ट्रेनों में नाच-गान भी बंद होने से भुखमरी
लॉकडाउन में किन्नरों को बधाई बश्खीश पर आफत, ट्रेनों में नाच-गान भी बंद होने से भुखमरी

सीतामढ़ी। लॉकडाउन लागू होने के बाद किन्ररों का दर्द छलक पड़ा है। उनका कहना है कि कहा कि लॉकडाउन के कारण उनकी जीविका पर भी आफत आ गई है। शादी- समारोह में नाच-गाकर जीवन-यापन करते थे, लेकिन प्रतिबंधों के बाद उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। मोना, नगीना, नैकी, सीमा, राधा सबका एक ही दर्द है। उनका कहना है कि सरकार उनका इस्तेमाल सिर्फ वोट लेने के लिए करती है। वोटर लिस्ट में नाम इसीलिए जोड़ दिया मगर आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकारी तैयार नहीं होते।किन्नरों ने कहा कि शादी-ब्याह में नाचने गाने के बाद वे लोगों से बख्शीश लेते थे। लॉकडाउन से वह सब भी बंद है। उन लोगों का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन की मार से अभी उबरे भी नहीं हैं, कि सरकार ने दोबारा लॉकडाउन लगा दिया है। किन्नरों के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है। सरकार को चाहिए कि उनके लिए भी खास योजना लाई जाए, जिससे इस संकटकाल में उनका रोजी रोजगार चल सके। लॉकडाउन में किन्नरों का छलका दर्द, बंद हो गया रोजी-रोजगार

शहर के वार्ड 22 की ज्योति किन्नर अपने समाज का नेतृत्व करती है। कहती हैं ऐसे तो शहर में 30- 40 की संख्या में उनके समुदाय के लोग हैं। इनमे मोना, नगीना, नैकी, सीमा, महेंद्र, राधा, भेलकी किन्नर सभी एक जगह ही रहते हैं। पिछले कोरोना काल में भी उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली। पहले उन्हें राशन मिलता था, लेकिन वह भी बंद हो गया। कितने लोगों के पास आधार कार्ड भी नहीं है। जब भी आधार कार्ड के लिए अधिकारी के पास जाते हैं तो वे सुनकर नजरअंदाज कर देते हैं। इन लोगों का वोटर लिस्ट में नाम भी है, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती है। गत चुनाव में जिला प्रशासन द्वारा उन्हें मतदाता जागरूकता अभियान में भी लगाया गया था। ज्योति किन्नर के नेतृत्व में यहां के किन्नरों ने काला धन वापस लाने के लिए अन्ना हजारे के समर्थन में रोड शो भी किया था। पिछले साल कोरोना काल में निजी कोष से इन लोगों ने मास्क व सैनिटाइजर का शहर में वितरण कर लोगों को जागरूक करने का भी काम किया। इसके अलावा भी ये समाज में बराबर अपना योगदान देते हैं। कार्य का अंजाम देकर समाज में अपनी भूमिका निभाई।

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