जन-जन में जानकी रोम-रोम में प्रभु श्रीराम

सीतामढ़ी। अयोध्या से जनककपुरधाम नेपाल के लिए निकली प्रभु श्री राम की बरात रविवार को सीतामढ़ी पहुंची। बरात के स्वागत में पूरा जिला उमड़ पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 01:03 AM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 06:10 AM (IST)
जन-जन में जानकी रोम-रोम में प्रभु श्रीराम
जन-जन में जानकी रोम-रोम में प्रभु श्रीराम

सीतामढ़ी। अयोध्या से जनककपुरधाम नेपाल के लिए निकली प्रभु श्री राम की बरात रविवार को सीतामढ़ी पहुंची। बरात के स्वागत में पूरा जिला उमड़ पड़ा। आस्था व भक्ति का सैलाब देखते ही बन रह है। प्रभु की अगवानी में मां जानकी की जन्मभूमि सजधज कर तैयार है। जन-जन में माता जानकी व रोम-रोम में प्रभु श्रीराम रचे-बसे हैं। पुनौराधाम जानकी मंदिर एवं शहर स्थित रजतद्वार जानकी मंदिर को फूल मालाओं, रंगीन बल्बों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मुजफ्फरपुर से रून्नीसैदपुर के रास्ते सीतामढ़ी में दाखिल हुई। उत्साह के रंग में मिथिला नरेश राजा जनक की राजधानी और नेपाल की धार्मिक और ऐतिहासिक स्थली जनकपुर भी डूबा हुआ है। इस क्रम में श्रीराम जन्मस्थली अयोध्या से चार दिन और लगभग 400 किमी की दूरी तय कर राम-जानकी विवाहोत्सव को लेकर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुध्न तथा साधु-संतों की बरात रविवार की शाम जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी पहुंची। रून्नीसैदपुर में बरात का भव्य स्वागत किया गया। शाम 4.40 बजे बरात रून्नीसैदपुर से सीतामढ़ी के लिए निकली। शाम सात बजे सीतामढ़ी शहर में बरात पहुंची और फिर शहर भ्रमण करते हुए पुनौरा गांव को रवाना हुई। देर रात राम-जानकी मंदिर में बरात पहुंची। जहां बरात का भव्य स्वागत किया गया। इसके पूर्व शहर समेत आसपास के इलाकों में बरात की अगवानी में सभी लोग पलक-पावड़े बिछाए रहे। शहरवासियों ने पुष्प वर्षा कर बरात का स्वागत किया। भक्ति में डूबे भक्तों ने एक साथ होली-दीवाली भी मनाई। शहरवासियों ने एक ओर आतिशबाजी कर खुशी व्यक्त की तो दूसरी ओर दीप जला दीपोत्सव मनाए। लोगों ने जमकर गुलाल भी उड़ाए। पूरे शहर में मंगलगीत गूंजते रहे। महिला और पुरुष भक्ति में डूबे नाचते-गाते नजर आए। अयोध्या से आए साधु-संत स्वागत से गदगद दिखे। इस दौरान हंसी-ठिठोली भी हुई। पाहुन के स्वागत को लोग कतारबद्ध रहे। बताते चलें कि 21 नवंबर को अयोध्या से जनकपुर के लिए बरात रवाना हुई थी। अयोध्या से निकली यह राम बारात यूपी के अंबेडकरनगर, आजमगढ़ के रास्ते बिहार के बक्सर और मुजफ्फरपुर होते हुए रविवार को सीतामढ़ी पहुंची है। 25 नवंबर को बरात सीतामढ़ी से बाजपट्टी और पुपरी के रास्ते दरभंगा के अहिल्यास्थान से मधुबनी और जयनगर होते हुए 28 नवंबर को जनकपुर पहुंचेगी। जहां 29 नवंबर को भगवान श्रीराम का दशरथ मंदिर प्रांगण में तिलकोत्सव का आयोजन होगा। इसके बाद 30 नवंबर को कन्या पूजन के अलावा मटकोर और एक दिसंबर को रामलीला का मंचन धनुष यज्ञ प्रसंग पर होगा। इसके उपरांत देर रात्रि भगवान श्रीराम व माता जानकी का विवाह विधिपूर्वक संपन्न कराया जाएगा वहीं इस कार्यक्रम के अगले दिन दो दिसंबर को राम कलेवा का आयोजन होगा जिसमें 108 गरीब कन्याओं के सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा पूरे आयोजन की समाप्ति के बाद तीन दिसंबर को पुन: भगवान श्रीराम माता जानकी के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। विश्व हिदू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम से धर्मयात्रा महासंघ के संयोजन में अयोध्या से पहुंची बरात में अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास दशरथ, दिगंबर अनी के मंत्री महंत वैष्णो दास महर्षि वशिष्ठ, हरिद्वार सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर के महंत डॉ. वैष्णोदास महर्षि विश्वामित्र की भूमिका में, रामायणी महंत राम अवतार दास के नेतृत्व दो रथ और दर्जनों वाहन के 30 मुख्य संत और 100 अन्य संत बरात में शामिल है। बताया गया हैं कि पहली दिसंबर को विवाहोत्सव में नेपाल राज दरबार, भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित साह और यूपी के सीएम योगी आदित्यानंद भी जनकपुर पहुंचेंगे। हालांकि इसकी आधारिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पिछली बार यूपी के सीएम योगी आदित्यानंद विवाहोत्सव में शामिल हुए थे। इधर, बरात को लेकर सुरक्षा के पुख्ता के बंदोवस्त किए गए थे। जगह-जगह दंडाधिकारी और सशस्त्र बल तैनात किए गए थे। एसपी अनिल कुमार खुद विधि व्यवस्था की मॉनीटरिग कर रहे थे।

chat bot
आपका साथी