इस दीवाली स्वदेशी अपनाएं, चीन को सबक सिखाएं

प्रकाश पर्व दीपावली आने वाली है। इसे लेकर हर तरफ तैयारी चल रही है। घरों की रंगाई-पुताई से लेकर उनकी सजावट में लोग लगे हैं। बाजारों में खरीदारी के लिए लोग उमड़ने लगे हैं।

By Edited By: Publish:Sun, 23 Oct 2016 03:01 AM (IST) Updated:Sun, 23 Oct 2016 03:01 AM (IST)
इस दीवाली स्वदेशी अपनाएं, चीन को सबक सिखाएं

सीतामढ़ी। प्रकाश पर्व दीपावली आने वाली है। इसे लेकर हर तरफ तैयारी चल रही है। घरों की रंगाई-पुताई से लेकर उनकी सजावट में लोग लगे हैं। बाजारों में खरीदारी के लिए लोग उमड़ने लगे हैं। लोग रोशनी के लिए बिजली की लड़ियां खरीद रहे हैं। सभी ओर उत्साह का माहौल दिख रहा है।

पार्ट वन-

एक दीया शहीदों के नाम

हाल ही में पाकिस्तानी आतंकियों ने हमारे 18 सैनिकों की हत्या कर दी है। जरा सोचिए, उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी जिनके घरों के चिराग दीपावली के पहले बुझ गए। देश वासियों का कर्तव्य है कि उनकी यादों के चिराग अपने दिल में जलाए रखें। इसलिए मेरी अपील है कि दीपावली की रात कम से कम एक दीया उन शहीदों के नाम पर जरूर जलाएं जो देश की रक्षा में सरहद पर शहीद हो गए। इससे हमारे दुश्मन भी हमारी प्रशंसा करेंगे कि हम अपने देश पर मर मिटने वालों का कितना सम्मान करते हैं।

- डॉ रामगोपाल, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, डुमरा, सीतामढ़ी।

पार्ट टू-

शपथ लेते हैं कि दीपावली पर चाइनीज नहीं भारतीय सामान ही खरीदेंगे

चीन ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था को लगातार हानि पहुंचाई है। वह हमारे पड़ोस में बैठा हमारा मित्र नहीं बल्कि शत्रु है। उसने पाकिस्तान के नापाक इरादों को हमेशा बढ़ावा दिया है। हाल ही में जब उड़ी में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा हमारे सैनिकों की हत्या कर दी गई तब पूरे देश ने पाकिस्तान का विरोध किया। हम पाक को मजा चखाने वाले थ कि चीन ने उसके समर्थन में उतर कर उसे प्रश्रय दिया। इसलिए हमें शपथ लेनी चाहिए कि इस दीपावली में हम चाइनीज नहीं भारतीय सामान खरीदेंगे।

- दिनेश झा, सेवा निवृत शिक्षक।

पार्ट थ्री

दीपावली की तैयारी

दीपावली को लेकर हर परिवार में जो सबसे ज्यादा उत्साहित हैं वह हैं परिवार के बच्चे। बच्चों की ओर से घर सजाने, नए-नए कपड़े पहनने व आतिशबाजी को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हमने विभिन्न आयु वर्ग के कुछ बच्चों से बात कर उनकी तैयारियों के बारे में जानने की कोशिश की।

दोस्तों के साथ मिलकर दिवाली मनाउंगा

अनुराग कुमार- मुझे हर साल दीपावली का बेसब्री से इंतजार रहता है। मैं इसकी तैयारी दशहरा के बाद से ही शुरू कर देता हूं। इस बार भी मैंने दिवाली की तैयारी की है। मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर दिवाली मनाउंगा। मैं उनके साथ मिलकर पटाखे चलाउंगा। उन्हें मिठाइयां खिलाउंगा।

कंदील से घर सजाउंगा

आलोक कुमार- मैं इस बार दीपावली के मौके पर बाजार से डिजाइनर कंदील खरीदूंगा। पिछली बार मैंने पानी के जहाज के आकार की कंदील खरीदी थी। इस बार मैं एरोप्लेन के आकार की कंदील से घर सजाउंगा। मैं अपने मम्मी-पापा के साथ मिलकर घर आंगन सजाउंगा।

खूब आतिशबाजी करूंगा

हर्षित राज- मैं दीपावली पर हर साल आतिशबाजी करता हूं। मैं नए-नए प्रकार के पटाखे चलाता हूं। मैं आसमान में ऊंचाई तक पहुंचने वाले पटाखे चलाना ज्यादा पसंद करता हूं। मैं अपने मम्मी-पापा के साथ मिलकर खूब सारे रॉकेट चलाउंगा। मैं घर में दीये सजाने में भी उनकी मदद करूंगा।

घरौंदे सजाउंगी

श्रेया शांडिल्य- मुझे दीपावली पर अपने घर में घरौंदे बनाकर सजाना अच्छा लगता है। मैं हर साल अपने हाथों से घरौंदा बनाकर सजाती हूं। मैं अपने घर की साफ-सफाई में भी मदद करती हूं। मुझे अपने घर को आकर्षक ढंग से सजाना बहुत पसंद ह । इसमें मैं अपने घर के लोगों की मदद करती हूं।

लक्ष्मी-गणेश की पूजा करूंगी

श्रुति कुमारी- मैं दीपावली पर सभी दोस्तों के मंगलमय जीवन की कामना करती हूं। मैं उनके लिए सुख-समृद्धि की भी मंगल कामना करती हूं। इस बार मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर दीपावली मनाउंगी। उन्हें मिठाइयां खिलाउंगी और उनके साथ मिलकर आतिशबाजी करूंगी। मुझे खतरनाक पटाखे चलाने पसंद नहीं हैं।

प्रदूषण रहित दीया- एक

केरोसिन के दीये न जलाएं

मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि इस दीपावली पर केरोसिन के दीये न जलाएं। इनसे जहरीली गैसें निकलती हैं जिससे वातावरण प्रदूषित होता है। इससे हमें कई तरह की बीमारियां होती हैं। इसके बदले दीपावली पर मिट्टी के दीये वनस्पति तेल में जलाएं। यह प्रदूषण को कम करता है। इससे जहरीले कीड़े-मकोड़े मरते हैं। हमारा पर्यावरण शुद्ध होता है।

- उदय चंद्र झा, शिक्षक।

प्रदूषण रहित दीया- दो

आतिशबाजी से करें परहेज

दीपावली पर कानफाड़ू शोर होता है। लोग तेज आवाज वाले पटाखे चलाते हैं। इससे हमारा पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित होता है। ध्वनि प्रदूषण से लोगों के हृदय पर घातक असर पड़ता है। कानों की बीमारियां बी हो सकती हैं। इसके अलावा पटाखों से निकलने वाले धुंए पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। अगर हम पटाखों से परहेज करें तो अपने पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकेंगे।

- सुषमा राय, शिक्षिका।

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