बहीन की शादी केना होतओ हो बउआ

By Edited By: Publish:Fri, 25 Jul 2014 06:19 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jul 2014 06:19 PM (IST)
बहीन की शादी केना होतओ हो बउआ

-बुझ गया माता-पिता का इकलौता चिराग

सीतामढ़ी, संवाद सूत्र : मेजरगंज के बड़हरवा निवासी विनय ठाकुर की ट्रेन दुर्घटना में हुई मौत से परिवार सदमे में है। पिता नेमिचन्द्र ठाकुर का विनय एकलौता पुत्र था। पुत्र की मौत की खबर सुनते ही पिता व माता मीना देवी बदहवास हो गए। विनय की दो साल पहले ही शादी हुई थी। पत्नी तारा देवी अ‌र्द्धविक्षिप्त अवस्था में विलाप कर रही थी। वह एक वर्ष के पुत्र को गोद में लिए पति के शव की झलक पाने के लिए तड़प रही थी। परिजन उसे शव के पास जाने नहीं दे रहे थे। पांच बहन व एक भाई में सबसे बड़ा विनय था। दो बहन की शादी हो चुकी है। तीन बहन कुंवारी है। मां तारा देवी पुत्र के शव से लिपटकर मिनट-मिनट पर बेहोश हो जा रही थी। होश आते ही विलाप करती कि बऊआ हो बउआ अब बहीन के शादी केना होतओ। कौन जतई बहीन के शादी में भाई बन के। पत्नी व मां के चित्कार से वातावरण गमगीन हो गया था।

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