राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 16 को मनाएगी शौर्य दिवस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय सेना के सम्मान में 16 दिसंबर को शौर्य दिवस मनायेगी । इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह अनिल कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 दिसंबर को जिले के 15 शाखा मैदान में सैकड़ों स्वयंसेवकों के द्वारा सैनिकों के शौर्य के सम्मान में स्वयंसेवक दंड प्रहार करेंगे ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 06:49 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:11 AM (IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 16 को मनाएगी शौर्य दिवस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 16 को मनाएगी शौर्य दिवस

जासं, शेखपुरा:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  भारतीय सेना के सम्मान में 16 दिसंबर को शौर्य दिवस मनायेगी । इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह अनिल कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 दिसंबर को जिले के 15 शाखा मैदान में सैकड़ों स्वयंसेवकों के द्वारा सैनिकों के शौर्य के सम्मान में स्वयंसेवक दंड प्रहार करेंगे ।

स्वयंसेवक ज्यादा से ज्यादा दंड चलाकर अपना शौर्य दिखाते हुए सेना के मनोबल को बढ़ाएंगे  । उन्होंने कहा कि इस दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, द्वारा दंड प्रहार का आयोजन केवल इसलिए नहीं किया जाता है कि हमें दंड प्रहार लगाना है। बल्कि इसके साथ यह ध्येय है कि इस दिन भारतीय सेना के शौर्य को स्मरण किया जाए । 16 दिसंबर 1971 को एक लंबे संघर्ष के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर विजय पाई थी। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आमिर अब्दुल्ला खान निया•ाी ने बिना शर्त के अपने सैनिकों के साथ समर्पण किया और पूर्वी पाकिस्तान, बांग्लादेश को आजाद करने के बाद इस युद्ध का अंत हुआ था। उस दिन को पूरा भारत विजय दिवस के रूप में मनाता है। इस विजय में भारतीय सेना ने अपने अनेक सैनिक खो दिए। वास्तव में ये दिन पूरे देश के लिए गर्व का है। उस वक्त चीन से युद्ध हारने के बाद पाकिस्तान पर विजय पूरे देश के मनोबल बढ़ाने वाली थी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहला मौका था जब इतनी बड़ी सेना ने किसी के सामने समर्पण किया हो। इस गौरवशाली दिवस पर स्वयंसेवकों के बल और साम‌र्थ्य में वृद्धि तथा उनमें विजिगीषु वृत्ति उत्पन्न करने के उद्देश्य से संघ प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर को प्रहार महायज्ञ का आयोजन करता है।

chat bot
आपका साथी