प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुलजार हैं कई जलाशय

शेखपुरा। बिहार सरकार पहली बार 15 जनवरी से 17 जनवरी तक प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विशेष दिलचस्पी दिखाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 11:13 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 11:13 PM (IST)
प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुलजार हैं कई जलाशय
प्रवासी पक्षियों के कलरव से गुलजार हैं कई जलाशय

शेखपुरा। बिहार सरकार पहली बार 15 जनवरी से 17 जनवरी तक प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विशेष दिलचस्पी दिखाई है। बिहार देश का ऐसा तीसरा प्रदेश है जो यह महोत्सव मना रहा है।

वैसे शेखपुरा जिले में भी कई जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा हुआ है। पक्षियों के कलरव से क्षेत्र गुलजार रहता है। इन जलाशयों में प्रवासी पक्षियों के आने से लोग इसे देखने भी आ रहे हैं। कई जगहों पर पर्यटन की संभावना भी इससे बढ़ सकती है। हालांकि, कुछ तालाबों से प्रवासी पक्षियों ने अपना मुख मोड़ लिया है। वैसे में वहां के लोगों में निराशा भी है।

शेखपुरा जिले में उत्तर भारत का तिरुपति विष्णु धाम का मंदिर है। जल मंदिर के रूप में यह प्रख्यात है और यहां भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। दुनिया में पूजी जाने वाली सबसे बड़ी विष्णु की प्रतिमा यही है। इसकी ऊंचाई सात फीट छह इंच है। इस मंदिर के चारों ओर तालाब में प्रवासी पक्षियों का कलरव है। प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन डक प्रमुख रूप से यहां कलरव कर रहे हैं। प्रवासी पक्षियों की तस्वीर उतारने में मंदिर में पूजा करने के लिए आने वाले लोग लगे रहते हैं। इससे यहां का माहौल रमणीय हो गया है।

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शेरपर तालाब में है बसेरा

प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा बरबीघा के शेरपर के बड़े तालाब में भी खूब हो रहा है। यहां प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में जुटे हैं और कलरव करते देखे जाते हैं। इन पक्षी में साइबेरियन डक की ही प्रमुखता है। पक्षी और पर्यावरण के जानकार जनार्दन सिंह कहते हैं कि प्रवासी पक्षी ठंड के मौसम में इन जगहों पर आते हैं और कुछ माह तक यहीं पर वास करते हैं। प्रवासी पक्षी के आवागमन से क्षेत्र में पक्षियों की मधुर आवाज गुंजने लगती है।

कई जगहों से प्रवासी पक्षियों ने मुंह मोड़ा : शेखपुरा जिले का पर्यटन स्थल मोटोखर झील काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शेखपुरा जिले में जल जीवन हरियाली यात्रा की शुरुआत यही इसी झील के पास से की थी। इस तालाब में एक दशक पहले प्रवासी पक्षियों का खूब आगमन होता था। परंतु, यहां स्थानीय लोगों द्वारा शिकार किए जाने और पर्यावरण में आए बदलाव की वजह से अब प्रवासी पक्षी नहीं आ रहे हैं। इस साल यहां स्थिति और भी विकट हो गई है। एक भी प्रवासी पक्षी बड़े से झील में नहीं आ रहे हैं। हालांकि, पर्यटन के लिहाज से यह अशुभ ही माना जा रहा है। पर्यावरणविद् जनार्दन सिंह कहते हैं कि वातावरण में आए परिवर्तन के साथ-साथ मोबाइल टावर की वजह से भी कुछ जगहों पर प्रवासी पक्षी ने अपना रास्ता बदल लिया।

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